उत्तर प्रदेश: सरकारी अस्पतालों में हवा से आक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने की योजना

Apr 23 2021

उत्तर प्रदेश: सरकारी अस्पतालों में हवा से आक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने की योजना

India Emotions, Lucknow. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं तथा जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। प्रदेश में अस्पतालों में आक्सीजन की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा करते हुए कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिये। प्रदेश सरकार को भारत सरकार से माध्यम से जहां-जहां से आक्सीजन का कोटा आंवटित किया गया है वहा से जल्दी से जल्दी आक्सीजन लाने की व्यवस्था की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर हवा से आक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने की योजना की भी समीक्षा की जा रही है, और बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कुल मिलाकर 31 अस्पतालों में एयर सैपरेटर लगाने के निर्देश जारी किये जा चुके है। वह अगले 10-15 दिन के मध्य में 31 अस्पतालों में उपलब्ध करा दिये जायेंगे। प्रदेश में एयर सैपरेटर स्थापित हो जाने से प्रदेश के बाहर से आॅक्सीजन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ-साथ भारत सरकार के द्वारा प्रदेश सरकार को 1500 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर आवंटित किये गये है। विभिन्न अस्पतालों मंे भेजे जा रहे है।

इन कंसंट्रेटर को एक-एक मरीज को लगाया जायेगा जिससे मरीज को अतिरिक्त आॅक्सीजन की आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार इन बात के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है कि आॅक्सीजन की उपलब्धता प्रदेश में बढ़ाई जाये। प्रदेश में जो औद्योगिक इकाइयां थी, वह औद्योगिक उपयोग के लिए आॅक्सीजन बना रही थी। उनको भी अब चिकित्सीय प्रयोग के लिए परिवर्तित करने की अनुमति दे दी गयी है। प्रदेश में ऐसी फैक्टरियां जो मेडिकल आॅक्सीजन लम्बे समय से बंद पड़ी हो उनको भी पुनः संचालित करके इस व्यवस्था में लाया जायेगा। निजी अस्पतालों को भी प्रेरित किया जा रहा है कि स्वयं अपना आॅक्सीजन प्लांट लगा ले जिससे बाहर से अतिरिक्त आॅक्सीजन की आवश्यकता न हो। इसके लिए एक विशेष योजना बनायी जा रही है।


रेमेडेसिविर के 1,22,000 वाॅयल आवंटित
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में रेमेडेसिविर की उपलब्धता के लिए भारत सरकार द्वारा लगभग 1,22,000 वाॅयल आवंटित किये गये है। जैसे-जैसे वाॅयल प्राप्त होते जायेंगे, उनकी उपलब्धता से प्रदेश में रेमेडेसिविर की उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। उन्होंने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा 10 जनपदों में बेडों की संख्या दुगुना करने के कार्यक्रम की भी समीक्षा की। जिसके अन्तर्गत चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को निर्देशित किया है कि वह लखनऊ में केजीएमयू व बलरामपुर चिकित्सालय और प्रयागराज में निजी अस्पतालों में, वाराणसी व कानपुर में सभी जिलों में उपलब्ध बेडों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी में पूरे प्रदेश में सैनेटाइजेशन, स्वच्छता एवं सफाई का कार्य नगर निगम द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। आवश्यक सेवाओं एवं सामान्य औद्योगिक गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियां बाधित रहेंगी।

आई-कार्ड दिखाकर कार्यालय आवागमन कर सकते हैं
उन्होंने बताया साप्ताहिक बंदी में उद्योगों के कर्मचारी और सरकारी विभागों में जो कर्मचारी कार्यरत हैं वे अपना आई-कार्ड दिखाकर कार्यालय आवागमन कर सकते हैं। इसके साथ-साथ वाहनों का जो आवागमन है सामान्य कार्यों के लिए जारी रहेगा। कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने से प्रदेश में लगभग 82,880 कंटेनमेंट जोन हैं। इन जोन में मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया है कंटेनमेंट जोन में सख्त कड़ाई की जाए। वहां पर मूवमेंट तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए, जिससे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। प्रदेश में सर्विलांस का नया प्रयोग कर प्रत्येक परिवार तक पहंुच कर उनका हालचाल लेते हुए कोविड संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। इस अभियान के तहत 15.96 करोड़ लोगों से संक्रमण की जानकारी ली गयी है तथा 3.90 करोड़ कोविड-19 के टेस्ट किये गये है। इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट पूरे देश के किसाी राज्य में नहीं हुए है।

बिना किसी सत्यापित खबर पर विश्वास न करें
इस प्रकार सर्विलांस अभियान के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से लगभग 19.86 करोड़ लोगों तक सरकारी मशीनरी पहुची है। सर्विलांस के माध्यम से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लोग अफवाह से दूर रहें, बिना किसी सत्यापित खबर पर विश्वास न करें।