चिड़ियाघर में दरियाई घोड़े से रखवाले कर्मचारियों पर किया हमला,एक की मौत

Dec 19 2023

चिड़ियाघर में दरियाई घोड़े से रखवाले कर्मचारियों पर किया हमला,एक की मौत

India Emotions. लखनऊ । राजधानी के चिड़ियाघर में सोमवार को मादा दरियाई घोड़ा ने दो कर्मचारियों पर हमला कर दिया। एक कर्मचारी ने किसी तरह जान बचाई, जबकि सफाईकर्मी सूरज को हिप्पो ने पटककर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घायल को सिविल अस्पताल में ले जाया गया डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के बरौरा के रहने वाले सूरज करीब 12 साल से चिड़ियाघर में संविदा पर सफाईकर्मी था। सूरज को 5500 रुपये प्रति महिने मानदेय मिलता था। सोमवार को चिड़ियाघर बंद था। सफाईकर्मी सूरज व कीपर राजू सुबह करीब साढ़े दस बजे इंदिरा के बाड़े में भोजन व सफाई की व्यवस्था के लिए गए थे। इसी दौरान इंदिरा ने उनपर हमला कर दिया।

घटना की जानकारी मिलने पर प्राणि उद्यान के अफसर मौके पर पहुंचे। बाड़े से दोनों को बाहर निकाला गया। गंभीर रूप से सूरज को सिविल अस्पताल ले जाया गया। इमरजेंसी में मौजूद डॉ. राहुल ने जांच-पड़ताल करके उनको मृत घोषित कर दिया। चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी सूचना पर सिविल अस्पताल पहुंचे। मृतक की पत्नी लता,एक बेटा और एक बेटी हैं।

मृतक सूरज के चाचा व अन्य परिजनों ने सोमवार देर शाम प्राणि उद्यान पहुंचकर जमकर हंगामा किया। परिजनों ने सूरज को बाड़े में धक्का दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने सूरज की पत्नी काे सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग की। प्राणि उद्यान प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद दी।

कीपर राजू ने बताया, सूरज ने बाड़े की सफाई कर रहा था इस दौरान अचानक इंदिरा ने हमला कर दिया। राजू ने बताया कि दरियाई घोड़ा इंदिरा के तेवर को देखते ही मैं हमले से बचाव के लिए बनाई गई दीवार पर कूदकर चढ़ गया। मैं दीवार पर ही लेट गया। पर, सूरज दीवार पर ही लटके रह गए। इससे इंदिरा को हमले का मौका मिल गया। इंदिरा ने सूरज को दो बार पटकने के बाद छोड़ा। राजू बताते हैं कि हर हिंसक जानवर के बाड़े में हमले से बचाव के लिए ऐसी दीवार बनाई गई है।

बताया जाता है कि इंदिरा को 4 दिसंबर को ही कानपुर चिड़ियाघर से लखनऊ लाया गया था। बिना किसी सुरक्षा के कर्मचारियों को उसके बाड़े में कर्मचारियों को जाने देने पर सवाल उठ रहे हैं। इसके पीछे लापरवाही भी सामने आ रही है।

1995 में गेंडे लोहित ने डॉक्टर को मार डाला था 

अदिति शर्मा, निदेशक ने बताया कि प्राणि उद्यान प्राणि उद्यान के डॉक्टर आरके दास वर्ष 1995 में खूंखार गेंडे लोहित का इलाज करते थे। लोहित ने डॉक्टर को बाड़े में दबाकर मार डाला था। इस घटना के कुछ ही समय बाद एक युवक शाम को पतंग लूटने के बहाने बाड़े में कूद गया था। गेंडे लोहित ने उसे भी पटककर बाड़े में मार डाला था। सफाईकर्मी अकेले कभी बाड़े में नहीं जाता है। प्रोटोकाल के तहत कीपर भी अंदर संग जाता है। कीपर को ही पता रहता है कि जानवर के बारे में पूरी जानकारी रखता है। उन्होंने बताया यह एक दुखद घटना हुई है। प्राणि उद्यान प्रशासन पीड़ित परिवार संग खड़ा है।