शिक्षा ही हमें पैसे और शोहरत को बनाए रखने का सलीका सिखाती है: अभिषेक कुमार (डिजीटल एक्सपर्ट)

Jan 17 2024

शिक्षा ही हमें पैसे और शोहरत को बनाए रखने का सलीका सिखाती है: अभिषेक कुमार (डिजीटल एक्सपर्ट)
अभिषेक कुमार (डिजीटल एक्सपर्ट)

सीएल वर्मा, (इंडिया इमोशंस)। लखनऊ/कानपुर। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहने वाले युवा अभिषेक कुमार उस शख्सियत का नाम है, जो अपने जैसे तमाम ग्रामीण युवाओं को अपने पांव पर खड़ा होने की एक नयी दिशा दिखा रहा है। ऐसे परिवेेश में जहां आमतौर पर शिक्षा इसलिए माता-पिता करवाते हैं कि अच्छी नौकरी मिले, अभिषेक ने शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद नौकरी न कर लीक से हटकर काम किया। यह लीक से हटकर उनका डिजीटल प्लेटफार्म पर काम करना रहा। उन्होंने खुद तो इस प्लेटफार्म को अपनी आय का साधन बनाया ही, अपने साथ अन्य ग्रामीण लड़के-लड़कियों को भी वे प्रोत्साहित कर उन्हें रोजगार दे रहे हैं। प्रसिद्ध यूट्यूबर शिवानी कुमारी को भी स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका रही है। उनका एक सूत्रवाक्य काफी अहम है कि, शिक्षा सर्वोपरि है, शिक्षा ही हमें पैसे और शोहरत को बनाए रखने का सलीका, ज्ञान सिखाती है। पिछले दिनों इंडिया इमोशंस की टीम ने कानपुर पहुंचकर डिजीटल एक्सपर्ट अभिषेक से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के मुख्य अंश- 

प्रश्र: जब आपने अपनी शिक्षा पूरी की तो आगे रोजगार के लिए किस फील्ड को चुनने की कोशिश की? 

अभिषेक: जैसा कि ज्यादातर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करे, मेरे साथ भी ऐसा ही था, लेकिन मैंने वो रास्ता चुना जिससे मुझे आत्मसंतुष्टि मिली। 

सवाल: इस डिजीटल प्लेटफार्म को अपना करियर बनाने से पहले क्या समस्याएं झेलनी पड़ी? 

अभिषेक: हम दोस्त अपनी पढ़ाई के साथ वीडियोज भी बनाते थे, लेकिन घर वालों को यह समझ में नहीं आता था, वे हमें पढ़ाई पर ही ध्यान केन्द्रित करने को कहते। ऐसे में हमने रास्ता निकाला क्यों न कॅरियर गाइड करने वाले एजुकेशन वीडियोज बनाने पर काम किया जाए, ताकि शिक्षा से हम अलग भी हम न भटकें। हमें इस काम में सफलता भी मिली। 

सवाल: कमाई के साथ सफलता की ओर बढ़ रहे एजुकेशनल चैनल को क्यों आपने छोड़ दिया? 

अभिषेक: मेरे साथी की नौकरी लग गई थी और अकेले इस काम को करना कत्तई आसान काम नहीं था। इसी बीच मेरे मन में आया क्यों न अपने ज्ञान को मैं दूसरे काबिल युवाओं के बीच बाटूं और यही मैंने करना शुरु किया। 

सवाल: शिवानी से कैसे और कब मुलाकात हुई?

अभिषेक: शिवानी पहले टिकटॉक पर पर रील बनाती थीं। मैंने देखा उसके बहुत फालोअर्स हैं। फिर मैं और मेरे एक साथी ने तय किया क्यों न इसे यूट्यूब के बारे बताया जाए और यह भी समझाया कि वो इसे अपनी कमाई का साधन बना सकती है।   

सवाल: क्या दिक्कतें आयीं शिवानी का भरोसा जीतने में?

अभिषेक: पहली बार हम उसके गांव पहुंचे तो हमारी बात एक तो किसी के समझ में नहीं आयी और दूसरा परिजनों और गांव वालों ने भी नाराजगी प्रकट की। उस वक्त तो लौैेट आए लेकिन बाद में फिर उसके गांव पहुंच कर हम सभी को समझाने में कामयाब रहे। उस बीच टिकटॉक पर भी बैन लग गया था।

सवाल: शिवानी से मनमुताबिक वीडियोज बनवाने में क्या दिक्कतें आयीं?

अभिषेक: शिवानी उस वक्त उतनी शिक्षित नहीं थी, गांव की भाषा मीठी तो थी पर, बोलने में आत्मविश्वास की कमी थी। एक-एक वीडियो बनाने में कई-कई दिन लग जाते थे। काफी बाद इस काम में गति आयी और आज शिवानी हिट हो गई।   

सवाल: गांव के युवाओं के लिए यूट्यूबर बनने में क्या व्यवहारिक दिक्कतें आती हैं?

अभिषेक: बड़े शहरों के यूट्यूबर के मुकाबले कई कठनाईयां हेँ। पहला बिजली कटौती एक बड़ी समस्या है। वहीं, इंटरनेट कनेक्टिविटी का अकसर चले जाना और ग्रामीण परिवेश भी बड़ी चुनौती है। 

सवाल: क्या कोई अपनढ़ भी यूटयूबर बन कर पैसा कमा सकता है?

अभिषेक: अगर उसमें निरन्तर मेहनत करने की क्षमता, अच्छी समझ और योग्यता है तो कर सकता है, लेकिन मैं कहूंगा शिक्षा सर्वोपरि है, शिक्षा ही हमें पैसे और शोहरत को बनाए रखने का सलीका, ज्ञान सिखाती है। बड़े नामचीन और धन कमाने वाले यूटयूबर्स के साथ हुए हादसों से हमेें यही सबक मिलता है।