कोरोना वायरस अभी गया नहीं,मंकीपॉक्स ने दे दिया दस्तक

Aug 09 2022

कोरोना वायरस अभी गया नहीं,मंकीपॉक्स ने दे दिया दस्तक

लखनऊ। कोरोना वायरस से देश अभी तक पूरी तरह से निपट नहीं पाया है,कि मंकीपॉक्स ने भी देश में दस्तक दे दिया है। जबकि कोरोना वायरस ने एक बार फिर से अपनी रफ्तार बढ़ा दिया है। कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 महीने के बाद बढ़ रही है।इस स्थिति में कोविड काल में बरते जाने वाले जरूरी प्रोटोकॉल को अपने व्यवहार में शामिल करने में ही खुद के साथ घर-परिवार और समुदाय की भलाई है। इन प्रोटोकॉल में शामिल मास्क, एक दूसरे से उचित शारीरिक दूरी और हाथों की स्वच्छता कोरोना, मंकी पॉक्स के साथ ही टीबी, निमोनिया व अन्य संक्रामक बीमारियों और वायु प्रदूषण से भी सुरक्षा प्रदान करने में बेहद कारगर है।
केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि मंकीपॉक्स चेचक से मेल खाता हुआ कम गंभीर लक्षण वाला एक वायरल रोग है। हालाँकि मंकीपॉक्स का चिकनपॉक्स से कोई नाता नहीं है। मंकीपॉक्स का एक प्रमुख लक्षण शरीर पर चकत्ते या बड़े दाने निकलना है। इसके साथ ही लिम्फ नोड में सूजन या दर्द, बुखार और सिर दर्द जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
मानव से मानव में इसका संक्रमण लम्बे समय तक रोगी के निकट सम्पर्क में रहने, रोगी के घावों की मरहम-पट्टी आदि के सीधे संपर्क में आने या संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों या बिस्तर के इस्तेमाल से फ़ैल सकता है। संक्रमण क्षेत्र वाले जानवरों जैसे- बंदर, गिलहरी, चूहे आदि के काटने या खरोच से भी इसका संक्रमण फ़ैल सकता है। इसे देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जहाँ मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है वहीँ भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है।
डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि कोविड टीके की हर जरूरी डोज समय से लगवाने से कोरोना गंभीर रूप तो नहीं ले सकता किन्तु लापरवाही से उसकी चपेट में लोग जरूर आ सकते हैं। इसलिए कोविड टीकाकरण के साथ ही सभी जरूरी प्रोटोकाल को भी अभी अपने व्यवहार में निश्चित रूप से बनाए रखना हर किसी के लिए अभी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही इधर कई त्योहार भी आने वाले हैं, इसलिए त्योहारों पर भी हर जरूरी प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करना न भूलें।
डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि मंकीपॉक्स की खोज वर्ष 1958 में हुई थी, जब शोध के लिए रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप हुए थे। “मंकीपॉक्स” नाम होने के बावजूद बीमारी का स्रोत अज्ञात है। मंकीपॉक्स का पहला मानव मामला वर्ष 1970 में दर्ज किया गया था। इस साल के प्रकोप से पहले कई मध्य व पश्चिमी अफ्रीकी देशों के लोगों में मंकीपॉक्स की सूचना मिली थी।
मंकीपॉक्स से बुखार, सिर व बदन दर्द के साथ शरीर पर चकत्ते या दाने दिखाई दें तो मरीज को अलग कमरे में आइसोलेट करें। अलग बाथरूम का उपयोग करें या हर उपयोग के बाद अच्छी तरह साफ करें।मरीज के बर्तन, चादर आदि को छूने के बाद हाथ को साबुन-पानी से धुलें
सतहों को कीटाणुनाशक से अच्छी तरह से साफ करें
अलग बर्तन, तौलिये और बिस्तर का प्रयोग करें।
वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां खुली रखें।
दूसरों से उचित शारीरिक दूरी बनाकर रखें।