किसानों और सरकार में समझौता, मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख, एक सदस्य को नौकरी

Oct 04 2021

किसानों और सरकार में समझौता, मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख, एक सदस्य को नौकरी

india emotions, लखीमपुर/लखनऊ। लखीमपुर हिंसा हुई किसानों की मौत के मामले सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिजन को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। हिंसा में घायल हुए लोगों को भी 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का वादा किया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या अब 9 हो गई है। इसका असर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी नजर आ रहा है। यहां लखीमपुर जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश ने कहा कि किसानों पर अंग्रेजों के शासन से भी ज्यादा जुल्म भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे और किसानों को 2-2 करोड़ का आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लेकिन सरकार ने विपक्षियों का मुंह बंद करने लिए किसानों से समझौता कर लिया है।

लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद किसानों और प्रशासन के बीच हुई बातचीत में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है। राज्य प्रशासन ने घटना में मारे गए किसानों को 45-45 लाख और घायलों को 10-10 लाख रुपये सहायता राशि देने की बात स्वीकार की है। एक जांच कमेटी भी गठित कर दी गई जिसमें सरकार और किसान पक्ष के लोग शामिल होंगे।

हालांकि, इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने मीडिया के समक्ष कहा मांग रखी थी कि, इस घटना में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। टेनी ने एक बार फिर दावा किया है कि, उनका बेटा घटनास्थल पर नहीं था। उनकी गाड़ी को निशाना बनाकर हमला किया गया था जो कि एक हत्या की साजिश भी हो सकती है।

इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत और लखनऊ से गये आधा अधिकारियों सग बैइक के बाद समझौते के तहत जाम हटाया जा रहा है और शवों को पोस्ट मॉर्टम के लिए ले जाया जा रहा है।