मोदी सरकार Part-2 का पहला बजट आज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने की अंतिम तैयारियों में

Jul 05 2019

मोदी सरकार Part-2 का पहला बजट आज, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने की अंतिम तैयारियों में

indiaemotions news desk, new delhi, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने की अंतिम तैयारियों में हैं. बंपर जीत के बाद यह मोदी सरकार part-2 का पहला बजट है, इसलिए लोगों को काफी उम्मीदें भी हैं. शुक्रवार (today) को बजट पेश करेंगी. लोगों को यह उम्मीद है कि वित्त मंत्री ऐसे कदम उठाएंगी जिनसे अर्थव्यवस्था की सेहत तो सुधरेगी ही, आम लोगों को भी राहत मिलेगी. बजट तैयार करने में वित्त मंत्री का साथ दिया है देश के कई दिग्गज अधिकारियों ने. आइए जानते हैं कि उनकी टीम में कौन-कौन धुरंधर लोग शामिल रहे हैं.

इस बार का बजट काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वित्त मंत्री के सामने अर्थव्यवस्था की कई चुनौतिया हैं. अर्थव्यवस्था में सुस्ती जैसे हालात हैं, जो अगर ठीक से नहीं संभाले गए तो मंदी में बदल सकते हैं. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार बजट तैयार करने में मुख्य रूप से 6 दिग्गज अधिकारियों ने वित्त मंत्री की मदद की है. इन दिग्गजों की सलाह निश्चित रूप से वित्त मंत्री के लिए बहुत काम की रही होगी.

1. के. सुब्रमण्यन, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA)

सुब्रमण्यन को रघुराम राजन ने पढ़ाया है. उन्होंने अमेरिका के शिकागो यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर लुइगी जिंगालेस और रघुराम राजन के नेतृत्व में फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स से पीएचडी किया है. वह गुरुवार को अपना पहला आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगे. अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए उनकी सलाह निश्चित रूप से बजट तैयार करने में सीतारमण के लिए काफी काम आई होगी.

2. सुभाष गर्ग, वित्त और आर्थ‍िक मामलों के सचिव

वित्त मंत्रालय के पुराने खिलाड़ी गर्ग अर्थव्यवस्था की कई चुनौतियों से गुजरने वाली तनी हुई रस्सी पर चलने के अभ्यस्त हैं. ग्रोथ रेट कम होने, उपभोग घटने, निजी निवेश घटने के हालात में उपाय किस तरह से किया जाएं कि राजकोषीय मजबूती भी बनी रहे, इसमें गर्ग की सलाह काम आ सकती है.

3. अजय भूषण पांडेय, राजस्व सचिव

आधार कार्ड परियोजना को साकार करने वाली यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी में कौशल दिखाने के बाद अब यह देखना होगा कि राजस्व के मोर्चे पर अजय भूषण क्या छाप छोड़ते हैं? क्या कर राजस्व बढ़ाने और टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का विस्तार किया जाएगा? सुस्त अर्थव्यवस्था में सरकारी खर्च बढ़ाने की दरकार है, तो उनके सामने चुनौती काफी कठिन थी. बजट से पता चलेगा कि उन्होंने क्या सुझाव दिया है.

4. जीसी मुर्मू, व्यय सचिव

गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी मुर्मू इसके पहले वित्तीय सेवाएं और राजस्व विभाग में काम कर चुके हैं. वह योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में माहिर हैं. उनके सामने चुनौती यह थी कि प्रधानमंत्री की पसंदीदा योजनाओं को भी पूरी तरह आगे बढ़ाया जाए और खर्चों पर भी अंकुश रहे.

5. अतानु चक्रवर्ती, डीआईपीएएम सचिव

1985 बैच के गुजरात काडर के इस आईएएस अधिकारी ने पिछले साल सरकार के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में काफी मदद की थी. उन्होंने इसके लिए कई अनूठी सलाह दी थीं. अभी भी सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने का महत्वपूर्ण

6.  राजीव कुमार, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव

मोदी सरकार के कई प्रमुख एजेंडा जैसे सार्वजनिक बैंकों के विलय, फंसे कर्जों पर अंकुश आदि पर काम करने में राजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अभी उनके खाते में बीमा कंपनियों के विलय और सार्वजनिक बैंकों में सुधार की भी जिम्मेदारी है. देखना होगा कि बजट में उनकी सलाह किस रूप में सामने आती है.