इमरान पाक की अर्थव्यवस्था तो तबाह कर सकते हैं, लेकिन भारत को नुकसान नहीं पहुंचा सकते : भारतीय राजदूत

Sep 20 2019

इमरान पाक की अर्थव्यवस्था तो तबाह कर सकते हैं, लेकिन भारत को नुकसान नहीं पहुंचा सकते : भारतीय राजदूत

इंडिया इमोशंस न्यूज जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान इस मुद्दे को यूएन में उठाने की बात भी कह चुके हैं। इसी बीच अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने कहा है कि इमरान के लिए यह मानना काफी कठिन है कि कश्मीर दोबारा विकास के रास्ते पर लौट आया है। इमरान के पास पूरे अधिकार हैं कि वे पाक की अर्थव्यवस्था को जमींदोज कर दें, लेकिन उनमें भारत को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं है।

भारतीय राजदूत ने न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए लिखे आर्टिकल में कहा, “इमरान की सरकार में पाकिस्तान लगातार आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। वहां महंगाई 5 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर है। उसका कर्ज जीडीपी से ज्यादा हो गया है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से उसे 22वीं बार बेलआउट पैकेज की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसकी पड़ोसी देश को नुकसान पहुंचाने की सोच को चुनौती देनी चाहिए।”

‘जबरदस्ती कश्मीर की खराब तस्वीर पेश कर रहा पाक’

शृंगला ने आगे कहा, “इमरान और उनकी सरकार अपने उलूल-जुलूल बयानों से जबरदस्ती अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कश्मीर की खराब तस्वीर पेश करना चाहते हैं। वे लगातार हमें परमाणु हमलों की धमकी दे रहे हैं। इमरान के लिए यह मानना मुश्किल है कि कश्मीर फिर विकास की पटरी पर लौट आया है, क्योंकि उस प्रावधान को खत्म कर दिया गया जिसने राज्य की प्रगति रोकी थी।”

‘पाकिस्तान के आतंक के निशान पूरी दुनिया में’

उन्होंने कहा- “पाकिस्तान लंबे समय से अपने छिपे हुए हितों के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में समृद्धि को रोकने की कोशिश कर रहा है। इसकी एक वजह कश्मीर की ठहरी हुई अर्थव्यवस्था थी, जिससे लोगों में अलगाव की भावना पैदा होती है। पाक इसी कमजोरी को आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल करता रहा है। यह वही देश है, जिसके आतंक के निशान पूरी दुनिया पर हैं। यह वही देश है, जहां ओसामा बिन लादेन ने अपने आखिरी दिन गुजारे। इसलिए पाक अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी विरोध कर रहा है, क्योंकि उसके इरादे नाकाम हो रहे हैं।

‘23% से 3% पर आ गए पाकिस्तान के अल्पसंख्यक’
शृंगला के मुताबिक, ‘‘इमरान का भारत के हिंदू-मुस्लिमों पर बयान देना भी हास्यास्पद है। जब पाक बना था, तब उसमें 23% अल्पसंख्यक थे, लेकिन अब यह संख्या महज 3% पर आ गई है। वहां के शिया, अहमदी, क्रिश्चियन, हिंदू और सिख असलियत उजागर कर सकते हैं। यहां तक कि मुस्लिम भी नहीं बख्शे गए हैं, चाहे वो पश्तून हों, सिंधी या बलोच लोग हों।