केजीएमयू में दवा घोटाले में मामूली कार्रवाई, फार्मासिस्टों को इधर से उधर भेजा

May 25 2022

केजीएमयू में दवा घोटाले में मामूली कार्रवाई, फार्मासिस्टों को इधर से उधर भेजा

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू)की सस्ती दवाओं की कालाबाजारी के मामले को अफसरों ने गंभीरता से लिया है। दलालों से कर्मचारियों की साठगांठ का मकड़जाल तोड़ने के लिए अफसरों ने सस्ती दवा के स्टोर में तैनात सभी फार्मासिस्टों के तबादले कर दिए गए हैं। इन फार्मासिस्टों को एक स्टोर से हटाकर दूसरी जगह तैनात कर दिया गया है। ताकि यह समस्या से निजात मिल सके।
केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के 13 मेडिकल स्टोर खुले हैं। इनमें मरीजों को 60 से 80 फीसदी तक सस्ती दवाएं मिल रही हैं। केजीएमयू के ज्यादातर विभागों में एचआरएफ के स्टोर का संचालन हो रहा है। बीते माह इन स्टोर में अचानक कीमती दवाओं की बिक्री में उछाल देखने को मिला। सबसे ज्यादा शताब्दी और ट्रॉमा सेंटर के स्टोर में कुछ खास दवाओं की बिक्री में इजाफा देखा गया था। इसके बाद कुछ दवा कंपनियों ने भी केजीएमयू की सस्ती दवाएं बाजार में मिलने की शिकायत की थी। केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जांच कराई। इसमें सभी शिकायतें सही मिली। इसके बाद अफसरों ने नौ फार्मासिस्टों को नौकरी से हटा दिया था।
विभागीय स्तर पर चली जांच के बाद अब सभी स्टोर के कर्मचारियों को बदल दिया गया हैं। अधिकारियों ने यहां तैनात सभी 22 फार्मासिस्ट के एक से दूसरे स्टोर में तबादला कर दिया। इसकी सूची जारी कर दी गई। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्यवाही से दवाओं की कालाबाजारी थमेगी। मरीजों को सस्ती दवाओं का लाभ मिल सके।
लारी कॉर्डियोलॉजी, ट्रॉमा आईसीयू, जनरल सर्जरी, यूरोलॉजी, शताब्दी, ईएनटी, गांधी वार्ड, ट्रॉमा सेंटर, ट्रॉमा इमरजेंसी, पीडियाट्रिक सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के स्टोर के फार्मासिस्ट बदले गए हैं।
डॉ. एचएस पाहवा, फैकल्टी इंचार्ज एचआरएफ ने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है। जांच कमेटी की सिफारिश पर सभी फार्मासिस्टों के एक से दूसरे स्टोर में भेजा गया है।