Kashmir Files पर कांग्रेस के तथ्यों से भड़के यूजर्स, सियासी बवाल भी बढ़ा

Mar 14 2022

Kashmir Files पर कांग्रेस के तथ्यों से भड़के यूजर्स, सियासी बवाल भी बढ़ा

नई दिल्ली: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (Kashmir Files) ने अब राजनीतिक बखेड़े को भी जन्म दे दिया है. फिल्म समीक्षकों और लाखों दर्शकों की वाह-वाही बटोर रही इस फिल्म को लेकर केरल कांग्रेस (Congress) ने कुछ ऐसे तथ्य रखे कि अब नया विवाद खड़ा हो गया है. कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के जम्मू-कश्मीर से पलायन को लेकर किए गए कई ट्वीट्स में कांग्रेस ने कश्मीरी पंडित मामले को लेकर कुछ सविल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने इसके जरिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा, लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स ने कांग्रेस की ओर से दिए जा रहे तथ्‍यों पर ही सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.

पंडितों का पलायन जगमोहन के इशारे पर हुआ
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार को केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों को लेकर कई ट्वीट किए थे. कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, 'वे आतंकवादी थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया. 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 सालों में आतंकवादी हमलों में 399 पंडितों की हत्या की गई. हालांकि इसी दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों को भी मार डाला. यही नहीं, कांग्रेस ने आगे लिखा कि घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन के निर्देश पर हुआ था, जो कि आरएसएस के खासमखास थे.

यूपीए सरकार ने पंडितों के लिए बहुत कुछ किया
केरल कांग्रेस ने यह आरोप भी गाया कि कश्मीरी पंडितों का पलायन बीजेपी के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार के दौरान शुरू हुआ. वीपी सिंह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई थी और कश्मीरी पंडितों का पलायन ठीक एक महीने बाद से शुरू हो गया. कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने इस पर कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह सरकार को अपना समर्थन देती रही. कांग्रेस ने दावा किया कि यूपीए सरकार ने जम्मू में कश्मीरी पंडितों के लिए 5242 आवास बनवाए. इसके अलावा पंडितों के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी, इसमें पंडितों के परिवार के छात्रों को स्कॉलरशिप और किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शामिल थीं.

यूजर्स ने उलटे कांग्रेस को ही घेरा
हालांकि बीजेपी को घेरने की कोशिश कांग्रेस को उस समय उलटी पड़ गई, जब यूजर्स ने ट्वीट कर सवाल खड़े कर पार्टी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. पल्लवी सीटी नाम के यूजर ने लिखा कि आप ऐसा व्‍यवहार कर रहे हैं जैसे कश्मीर 1990 के पहले जन्नत था. क्या आप इससे इंकार कर सकते हैं कि गवर्नर जगमोहन साल 1988 की शुरुआत से ही राजीव गांधी की सरकार को कश्मीर में आतंकवादियों के जुटने की चेतावनी देने लगे थे. सुमित भसीन ने पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह के साथ यासीन मलिक की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि कांग्रेस इस पर कोई स्पष्टीकरण दें.