यूपी की जीत से भी बड़ी जीत हासिल की मोदी-योगी की जोड़ी ने

Mar 10 2022

यूपी की जीत से भी बड़ी जीत हासिल की मोदी-योगी की जोड़ी ने
नोयडा जाने का मिथक तो किसानों की नाराजगी का भ्रम भी टूटा

India Emotions, लखनऊ। मोदी-योगी की जोड़ी ने दो बड़े मिथक तोड़े- एक मिथक था कि नोयडा जाने वाले मुख्यमंत्री को कुर्सी खोनी पड़ती है और दूसरा भ्रम था कि यूपी खास पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान सत्तासीन दल से नाराज हैं। इन दोनों मिथकों को तोड़कर बीजेपी ने ताजा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और देश को ही नहीं दुनिया को अफवाहों और हकीकत अंतर समझा दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा धुआंधार प्रदर्शन काबिल-ए-गौर है। तस्वीर साफ है- किसान आंदोलन पर नकारात्मक राजनीति, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना प्रकोप के प्रबंधन जैसे तमाम मुद्दे थे जिस पर जनता ने योगी सरकार को पास कर दिया है।

इतना ही नहीं जनता ने सत्ता की चाबी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोबारा देकर यूपी में कई सालों से चले आ रहे और भी मिथक तोड़ दिये हैं। कहा जाता रहा है कि जो भी सीएम नोएडा आता है, वो पुन: सत्ता में वापसी नहीं कर पाता, पर मुख्यमंत्री योगी ने अपने पांच सालों के कार्यकाल में कई दफा नोएडा का दौरा किया। यह धारणा 1988 के बाद से ही लोगों में बैठी हुई थी। भय तो इस कदर था कि जब राजनाथ सिंह सीएम थे तो उन्होंने नोएडा बने एक फ्लाईओवर का उद्घाटन दिल्ली से किया था।

यह बात अलग है कि पिछली बार से बीजेपी की सीटें कम आयीं हैं पर ऐसे समय में जब किसानों, ब्राह्मणों के नाराज होने और मुसलमानों के सपा के साथ जाने की चर्चा-ए-आम थीं, ताजा परिणाम अपने आप में ऐतिहासिक हैं। सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में ये ऐतिहासिक परिणाम साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी प्रभाव डालेंगे, क्योंकि दिल्ली का रास्ता 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश की सियासत से होकर ही निकलता है।

दिलचस्प तथ्य यह भी है कि योगी पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अपनी पार्टी की सत्ता में वापसी कराने वाले वह पहले मुख्यमंत्री हैं। वह बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं जो लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने रहे हैं। यह भी तथ्यपरक है कि बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार योगी 2007 के बाद पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा।

गौरतलब है कि यूपी में साल 1951 से लेकर वर्ष 2007 तक अस्थिरता का दौर चला। फिर साल 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और बतौर सीएम मायावती पूरे पांच सालों तक रहीं, लेकिन वो वर्ष 2012 में वापसी नहीं कर पाई थीं। साल 2012 विधानसभा चुनाव में सपा की वापसी हुई और अखिलेश यादव की ताजपोशी हुई। मायावती के बाद अखिलेश ने भी पांच साल का कार्यकाल पूरा तो किया लेकिन इसके बाद सत्ता में उनकी भी वापसी नहीं हुई। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 325 सीटों बम्पर जीतकर इतिहास रचा। इस महाजीत के बाद पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सत्ता के शिखर पर बिठाया। योगी ने केवल पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया बल्कि दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर वे इतिहास रचने को तैयार हैं।