केजीएमयू के कुलपति की मुश्किलें और बढ़ीं, कोरोना जांच किट में अनियमितता बरतने के लगे आरोप

Feb 17 2022

केजीएमयू के कुलपति की मुश्किलें और बढ़ीं, कोरोना जांच किट में अनियमितता बरतने के लगे आरोप

india emotions, लखनऊ। केजीएमयू कुलपति की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में डॉक्टर की भर्ती, कोरोना जांच किट की खरीद में अनियमित्ता समेत अन्य मामलों की जांच के संबंध में उप लोक आयुक्त के सचिव ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने को कहा है। ताकि आख्या 21 मार्च तक उपलब्ध कराई जा सके।

केशवनगर निवासी श्रीकांत सिह ने केजीएमयू डॉ. बिपिन पुरी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें शोध सहायक की शोध अधिकारी के पद पर पदोन्नति में नियमों की अनदेखी के आरोप लगाए गए हैं। यही नहीं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर की भर्ती पर भी शिकायतकर्ता ने संगीन आरोप लगाए हैं। आरोप हैं कि एम्स समेत दूसरे मेडिकल संस्थान में पढ़ाई व नौकरी करने वाले एमसीएच डिग्री धारकों को चयन से दूर किया गया। जबकि नेपाल से डिग्री लेने वाले डीएनबी धारक का चयन किया गया।
इससके अलावा कोरोना की जांच किट की खरीद में अनियमित्ता के इलजाम लगे हैं। आरोप हैं कि कुलपति के अनुमोदन पर कोरोना की जांच के लिए 35.40 की दर से करोड़ों की बीटीएम किटें खरीदी गईं। जबकि वीटीएम किट दूसरे संस्थानों ने सभी करों सहित 8.97 रुपये में खरीदी गई हैं।

यही हाल आरटी-पीसीआर किट की खरीद का है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि बाद में कुलपति ने महंगी दर पर खरीदी गई किट की बात स्वीकार की। आठ जून 2021 को किट की खरीद का टेंडर निरस्त किया था। पर महंगी दर पर करोड़ों के क्रय पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।

शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त से मामले की शिकायत की। लोकायुक्त ने जांच कराने का फैसला किया। कुलपति से जवाब मांगा। इसके बाद 10 फरवरी 2022 को उप लोक आयुक्त सचिव अनिल कुमार सिंह ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा। जिसमें तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने की बात कही गई है। इसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और चिकित्सा विभग का एक वरिष्ठ अधिकारी को शामिल किया जाएगा। त्रिसदस्यीय जांच कमेटी को अपनी आख्या उप लोक आयुक्त को 21 मार्च 2022 तक उपलब्ध करानी होगी।