आंकड़ों में समझें कितनी खतरनाक हो गई है तीसरी लहर, सिर्फ 11 दिन में ही तोड़ दिया दूसरी लहर का रिकॉर्ड

Jan 11 2022

आंकड़ों में समझें कितनी खतरनाक हो गई है तीसरी लहर, सिर्फ 11 दिन में ही तोड़ दिया दूसरी लहर का रिकॉर्ड

दुनिया में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। आंकड़ों में देखा जाए तो पहली व दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर काफी संक्रामक है, जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखकर तो लगता है कि जल्द ही कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन अपने पीक पर होगा और सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

देश में कोरोना संक्रमण के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक, दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर कई गुना ज्यादा संक्रामक है। दूसरी लहर की शुरुआत होने से एक लाख मामले सामने आने तक में 46 दिन का समय लगा था, लेकिन तीसरी लहर में यह रिकॉर्ड महज 11 दिन में ही टूट गया। अब तो हाल यह है कि देश में पिछले तीन दिनों से 1.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को भी 1.68 लाख मामले सामने आए।
208 दिनों बाद इलाज करा रहे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा
मंगलवार को सामने आए नए मामलों के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या 8,21,446 पहुंच गई है। यानी आठ लाख से ज्यादा लोग वर्तमान में इलाज करा रहे हैं। यह संख्या 208 दिनों बाद सबसे ज्यादा है। यह संख्या महज एक सप्ताह में सात से आठ गुना तक बढ़ गई है। दो जनवरी को 1,02,330 मरीज कोरोना से संक्रमित थे, लेकिन अब संख्या आठ लाख के पार हो चुकी है। इससे साफ है कि कोरोना संक्रमण देश में कितनी तेजी से बढ़ रहा है।
तेजी से हो रहा संक्रमितों की संख्या में उछाल
भारत में 27 दिसंबर तक सिर्फ छह हजार मामले सामने आए थे। दो जनवरी को यह बढ़कर 27 हजार हो गए। तीन जनवरी को यह 33 हजार हुए और सात जनवरी को एक लाख पार हो गए। अब पिछले तीन दिन से 1.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली व मुंबई में जनवरी के तीसरे सप्ताह में तीसरी लहर का पीक आएगा। वहीं देश में फरवरी में पीक आएगा। तब रोजाना आठ लाख के करीब मरीज सामने आ सकते हैं।
कैसे रफ्तार पकड़ रहा मौतों का आंकड़ा
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच दिनों में 46 मौत हुई हैं। इसमें 34 मौत की वजह गंभीर बीमारी है। यह आंकड़ा पांच से नौ जनवरी के बीच का है। इन 46 में 32 मरीज आईसीयू में भर्ती थे। वहीं 37 मरीज ऐसे थे, जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 के नीचे पहुंच गया था। इसमें सबसे खतरनाक यह बात है कि मरने वालों में 11 लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे।

कैसे बेकाबू हो रहा संक्रमण
दिल्ली में संक्रमण दर में काफी इजाफा हुआ है। यहां पॉजिटविटी रेट 25 प्रतिशत पहुंच चुका है। यानी जांच कराने वाला हर चौथा व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है। अनुमान है कि तीसरी लहर के पीक में दिल्ली में 50 से 60 हजार मामले प्रतिदिन सामने आ सकते हैं। इससे बुरा हाल पश्चिम बंगाल का है। यहां पर संक्रमण दर 37.32 प्रतिशत पहुंच गई है।
सिंगापुर के आंकड़े भी डराने वाले
सिंगापुर से जो आंकड़े सामने आए हैं वो और भी ज्यादा भयावह हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सिनोवैक वैक्सीन लगवाने वाले प्रति एक लाख लोगों में 11 लोगों की मौत हो रही है। सिनोफार्म लगवाने वालों में प्रति लाख में 7.8, फाइजर में 6.2 और मॉडर्ना वैक्सीन लगवाने वालों में प्रति एक लाख में एक मौत हो रही है।
अमेरिका का हाल भी जान लीजिए
अमेरिका में तीसरी लहर में अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या ने दूसरी लहर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दूसरी लहर के पीक यानी 14 जनवरी को यहां 1,42,315 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। वहीं रविवार को देश में 1,42,388 मरीज कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल पहुंचे। वहीं अमेरिका में सोमवार को एक दिन में 11 लाख से ज्यादा मरीज संक्रमित मिले हैं, जो अब तक किसी भी देश में मिले संक्रमित मरीजों में सर्वाधिक है।