लॉकडाउन, दुनिया से वायरस को मिटाने का नहीं, कोरोनोवायरस पर हमला करने का समय : WHO

Mar 26 2020

लॉकडाउन, दुनिया से वायरस को मिटाने का नहीं, कोरोनोवायरस पर हमला करने का समय : WHO
अधानोम गेब्रियेसस

india emotions news network, new delhi. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने बुधवार को लॉकडाउन करने वाले देशों को चेताया है. कोरोनावायरस (COVID-19) का मुकाबला करने के लिए कई देशों द्वारा लागू किए जा रहे लॉकडाउन, दुनिया से वायरस को मिटाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा, ''आइसोलेशन में रखे जा रहे लोगों को खोजना, आइसोलेट, परीक्षण और उनका इलाज करना सबसे अच्छा और तेज तरीका है, लेकिन इसके अलावा और भी बड़े कदम सामाजिक और आर्थिक स्तर पर उठाने होंगे.''


कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर दुनियाभर में तेजी से अपना पांव पसार रहा है और ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए कई देश अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. ज्यादातर देशों में प्रदेश और शहरों को लॉकडाउन करके कोरोना के संक्रमण को नियंत्रण कर रहे हैं. रोजाना के अपडेट में गेब्रियेसस ने बताया, ''कोरोनावायरस के संक्रमण के फैलाव को धीमा करने के लिए कई देशों ने 'लॉकडाउन' का उपाय अपनाया है. लेकिन यह उनके हिसाब से है, ये उपाय महामारी को नहीं खत्म करेगी. हम सभी देशों से इस समय का उपयोग करके कोरोनोवायरस पर हमला करने का आह्वान करते हैं. अभी तक आपने इस अवसर की दूसरी विंडो (दूसरा तरीका अपनाया) बनाई है.''

 

उन्होंने कहा, ''लोगों को घर पर रहने के लिए कहना और उनकी आवाजाही को बंद कर देने से वक्त हासिल होगा, जिससे हेल्थ सिस्टम पर दबाव घटेगा... लेकिन अपने आप में इससे महामारी खत्म नहीं होगी.''गेब्रियेसस ने कहा, "हम उन सभी देशों से कहना चाहते हैं, जिन्होंने तथाकथित लॉकडाउन तरीके को अपनाया है; वह इस वायरस पर हमला करने के लिए इस समय का उपयोग करें. आपने इस मौके की दूसरी विंडो बनाई है, सवाल यह है कि आप इसका उपयोग कैसे करेंगे?"

गौरतलब है कि यह वायरस करीब 180 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. अकेले चीन और इटली में ही मरने वालों का आंकड़ा 10000 के पार हो चुका है. साढ़े चार लाख लोग इससे संक्रमित हैं. दुनियाभर के देशों में इमरजेंसी सरीखे हालात हैं. कई देशों ने इससे बचाव के लिए लॉकडाउन का रास्ता अख्तियार किया है और तीन अरब से ज्यादा लोग लॉकडाउन में रहने को मजबूर हैं.