महाशिवरात्रि : भगवान शिव को खुश करने के लिए करें ये उपाय, दूर होंगे सभी संकट

Feb 20 2020

महाशिवरात्रि : भगवान शिव को खुश करने के लिए करें ये उपाय, दूर होंगे सभी संकट

महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी को है। ज्योतिषों के अनुसार, तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। कहते हैं कि महाशिवरात्रि बहुत खास दिन होता है जब भगवान शिव पृथ्वी पर उनके जितने शिवलिंग हैं उन सभी में विराजमान रहते हैं।

लिंग पुराण के अनुसार फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस दिन किए गए ज्योतिष के उपायों से बडी से बडी समस्याएं भी तुरंत ही समाप्त हो जाएंगी तथा धन लाभ होगा।

(1) महाशिवरात्रि को कम से कम किसी एक गाय, बैल अथवा सांड को हरा चारा, गु़ड आदि जरूर खिलाना चाहिए, इससे आपके ऊपर आया ब़डे से बडा संकट भी टल जाता है।

(2) महाशिवरात्रि के दिन रात 9 बजे के बाद किसी निर्जन स्थान पर बने हुए शिव मंदिर में जाएं तथा वहां साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना करें, दीपक जलाएं। इससे आप पर आई ब़डी से ब़डी समस्या भी दूर हो जाएगी।

(3) महाशिवरात्रि पर एक छोटा सा पारद शिवलिंग घर में लाकर उसकी विधिवत स्थापना करें तथा प्रतिदिन धूप बत्ती, पुष्प आदि चढ़ा पूजा करें। इस उपाय से घर में साक्षात महालक्ष्मी का वास होता है।

(4) महाशिवरात्रि की रात को शिवलिंग पर "ओम जूं स:" मंत्र का जाप करते हुए दूध मिश्रित जल चढाएं तथा बील पत्र अर्पण करें। इससे स्वयं की तथा परिवार की स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याएं तुरंत ही भाग जाएंगी।

(5) शिवरात्रि पर जरूरतमंदों को कुछ न कुछ अवश्य दान दें। यदि किसी अनाथ आश्रम में भोजन दान दे सकें तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाएगा।

(6) यदि वैवाहिक जीवन में समस्याएं हो तो किसी सुहागन स्त्री को सुहाग का सामान यथा लाल साडी, चूडियां, कुमकुम आदि उपहार में दें। गृहस्थ जीवन सुखमय हो जाएगा।

(7) महाशिवरात्रि पर किसी भी शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक ओम नम: शिवाय अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। इससे कुंडली में खराब चल रहे ग्रह भी अनुकूल बन जाते हैं तथा आपके बिग़डे हुए काम भी बनने लगते हैं।

(8) महाशिवरात्रि पर परिवार सहित भगवान शिव, माता पार्वती, गणेशजी तथा कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए, तथा प्रसाद का भोग लगा कर उसे ग्रहण करना चाहिए।

(9) शिवपुराण के मुताबिक इस दिन बिल्व पत्र के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर शिवलिंग के निकट जल चढाना चाहिए। इससे मनावांछित इच्छा पूरी होती है।