कश्मीर में इंटरनेट शुरू होते ही Viral हुई उमर अब्दुल्ला की ये तस्वीर, देखकर रह जाएंगे दंग

Jan 25 2020

कश्मीर में इंटरनेट शुरू होते ही Viral हुई उमर अब्दुल्ला की ये तस्वीर, देखकर रह जाएंगे दंग

इंडिया इमोशंस न्यूज श्रीनगर: सोशल मीडिया (Social Media) पर जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है. इसमें उमर लम्बी दाढ़ी में दिखाई दे रहे हैं. इस फोटो में उन्हें पहचानना काफी मुश्किल है. उमर उब्दुल्ला कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से नजरबंद हैं. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को राजनीति विरासत में मिली है. अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य उमर अब्दुल्ला के नाम कई रिकॉर्ड हैं. उमर के नाम जम्मू-कश्मीर के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड है. इसके अलावा वह लगातार तीन बार लोकसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी बना चुके हैं.

वाजपेयी सरकार में रह चुके हैं मंत्री
उमर अब्दुल्ला 2002 से 2009 तक नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष भी रहे हैं. उमर अब्दुल्ला अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश राज्य मंत्री और वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं.

इंग्लैंड में जन्म, कश्मीर में हुई पढ़ाई
उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च 1970 को इंग्लैंड में हुआ. उन्होंने श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल और लॉरेंस स्कूल सनवर से शुरुआती शिक्षा ली. इसके बाद उमर मुंबई स्थित सिडेनहैम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. आगे की पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड चले गए. इंग्लैंड में स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से MBA किया. इसके बाद उमर मुंबई लौटे और यहां ITC के साथ कुछ समय तक काम किया.

370 और 35 ए पर मुखर उमर
उमर अब्दुल्ला शुरू से ही कश्मीर के हक की आवाज पुरजोर तरीके से उठाते रहे हैं. पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले पर उन्होंने कश्मीर के लिए नुकसानदायक फैसला बताया था. वह कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 और 35 ए के पक्ष में उमर खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं. जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से वह नजरबंद हैं.

2009 में बने सबसे युवा मुख्यमंत्री
नेशनल कांफ्रेंस ने 5 जनवरी 2009 कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. 39 वर्ष की उम्र में उमर अब्दुल्ला राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बनने के साथ ही सबसे युवा सीएम भी बने. हालांकि इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को हार का मुंह देखना पड़ा.