FATF की पाकिस्तान को चेतावनी, बंद करो आतंक, वरना लेंगे एक्शन, अब दी नई डेडलाइन

Oct 18 2019

FATF की पाकिस्तान को चेतावनी, बंद करो आतंक, वरना लेंगे एक्शन, अब दी नई डेडलाइन

इंडिया इमोशंस न्यूज इस्लामाबाद। फाइनैंशल ऐक्शन टास्ट फोर्स (FATF) ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अपना रुख और कड़ा कर लिया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि फरवरी 2020 तक आतंकी गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाए नहीं तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को सख्त निर्देश दिया है कि फरवरी 2020 तक पूरा ऐक्शन प्लान तैयार करे और उस पर आगे बढ़े। अगर निर्धारित वक्त में पाकिस्तान ऐसा करने में असफल रहता है तो उसके खिलाफ आगे सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के वित्तीय लेन-देन और बिजनेस पर भी पूरी नजर रखें।

पाकिस्तान को जब यह लगने लगा कि उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है तो उसने दुनिया के कई देशों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। कश्मीर पर पाक ने झूठी बातें प्रचारित करनी शुरू कीं और भारत के खिलाफ अपने अजेंडे को आगे बढ़ाते हुए चीन के साथ-साथ तुर्की और मलयेशिया से भी नजदीकी बढ़ाई। कश्मीर पर तुर्की और मलयेशिया के रुख से साफ हो गया था कि चीन के साथ ये दोनों देश पाक को ब्लैकलिस्ट होने से भी बचा सकते हैं।

जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था...
बता दे, FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और 27 पॉइंट का ऐक्शन प्लान देते हुए एक साल का समय दिया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की टेरर फाइनैंसिंग रोकने के उपाय करने थे। FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है।

इसका काम गैरकानूनी आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।

ब्लैकलिस्ट होने पर और खराब होगी पाक की हालत...
अगर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाता तो उसके लिए कर्ज हासिल करना मुश्किल हो जाता। इस सूची में नाम आने के बाद पाकिस्तान में विदेशी निवेश के रास्ते भी बंद हो जाते। ब्लैकलिस्ट होने के बाद वैश्विक वित्तीय संस्थाएं पाक की रेटिंग कम कर सकती थीं। पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक और IMF से पैसा लेना मुश्किल हो जाता। बदहाली से उबरने के लिए चीन, सऊदी जैसे देशों से भी फंड मिलने में मुश्किल हो सकती थी।