रोना बुरा नहीं है, रोने से सेहत को होता है फायदा, आँखों को मिलती है मजबूती

May 31 2022

रोना बुरा नहीं है, रोने से सेहत को होता है फायदा, आँखों को मिलती है मजबूती

हमारे समाज में रोना अच्छा नहीं माना जाता है। घर-परिवार में भी जब कभी कोई बच्चा या बड़ा रोने लगता है तो परिवार के अन्य लोग उसे तुरन्त कह देते हैं कि रोना बन्द करो। हमारे समाज में रोने को बुरा माना जाता है, हालांकि यह बुरा नहीं है। आम तौर पर रोने को कमजोरी की निशानी माना जाता है, जबकि यह अपनी भावनाओं को प्रेक्षित करने का एक माध्यम है। जो लोग भावुक होते हैं, वे दिल के बिल्कुल साफ होते हैं और लड़ाई-झगड़े के समय वे किसी प्रकार की बहस करने के बजाय अपने आँसू पोंछते नजर आते हैं। उनके इस व्यवहार को उनकी कायरता मानना भूल है, ऐसा भावनाओं के कारण होता है।
बहुत से लोग आंसुओं को भावनात्मक कमजोरी की निशानी मानते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि रोना हमारे शरीर के लिए तनाव मुक्त करने का एक तरीका है। रोना हमारे मन में भावनाओं को बाहर निकालने में मदद करता है चाहे वह निराशा की हो या खुशी की। इतना ही नहीं एक ही तरह से रोने से भी कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जब भी कोई व्यक्ति रोए तो उसी समय रोना चाहिए, रुकना नहीं चाहिए। आपके रोने से कोई हानि नहीं होगी बल्कि लाभ ही लाभ होगा।
रोने से कई फायदे होते हैं जिन पर हम कभी गौर नहीं करते हैं। यदि कभी आपको रोना आए तो आप इन बातों पर जरूर गौर करना—
1. व्यक्ति हल्का महसूस करता है, दिल से बोझ उतर जाता है
महिलाओं के रोने पर समाज में कोई कुछ नहीं कहता लेकिन यदि कोई पुरुष रो दे तो यह शर्म की बात मानी जाती है। हमारा समाज उस पुरुष को कायर मानता है जो रो देता है। वास्तविकता यह है कि रोने से भावनात्मक बोझ कम हो जाता है। व्यक्ति अपने आप को हल्का महसूस करता है। आजकल तो फिल्मों में भी रोने के दृश्यों को बेहतरीन तरीके से दिखाया जाता है। हालांकि यहाँ भी पुरुषों को अकेले में, सूनसान स्थानों पर रोते हुए दिखाया जाता है। खैर यह सही है कि रोने से भावनात्मक बोझ हल्का होता है। सीने/छाती में जमा भारीपन और सिर पर लदा बोझ हट जाता है और व्यक्ति अपने आप को बहुत हल्का महसूस करता है।
2. मानसिक थकान दूर होती है
कई बार आप अपनी परेशानियों और जिम्मेदारियों के चलते स्वयं को बहुत थका हुआ और तनावग्रस्त पाते हैं। ऐसे में यदि आपका कोई परिजन या परिचित आपको कुछ ऐसा बोला देता है जो आपको अंदर तक चुभ जाता है तब आपको रोना आ जाता है। आपने कभी गौर नहीं किया होगा लेकिन वास्तविकता यह है कि रोने के आधा-एक घंटे बाद हमें महसूस होता है कि हमारा मन बहुत शान्त है और हम नींद के आगोश में जाने को बेकरार है। जब आप नींद लेकर उठते हैं तो आपको महसूस होगा आपकी सारी मानसिक थकान दूर हो चुकी है।
3. नई ऊर्जा फील करते हैं
कुछ देर रो लेने के बाद और रोने के बाद अगर सोने का अवसर मिल जाए तो और भी अच्छा। यानी रोने और सोने के बाद जब आप जागते हैं और फिर से अपनी ऐक्टिव लाइफ में लौटते हैं तो आप खुद में एक नई तरह की ऊर्जा का संचार अनुभव करते हैं। इससे आपके काम करने की गति बढ़ती है।
4. स्पष्ट होते हैं विचार
रो लेने से मन हल्का हो जाता है, सिर का बोझ कम लगने लगता है और ताजगी भरी नई ऊर्जा का संचार होने लगता तो आपके विचारों में अधिक स्पष्टता आ जाती है। इससे आपकी निर्णय लेने की क्षमता बेहतर बनती है और स्थितियों को जल्दी भाप लेने का दृष्टिकोण विकसित होता है।
5. आँखें साफ हो जाती हैं
अब तक रोने के जितने भी फायदे सामने आए, ये मानसिक सेहत से जुड़े हैं और करियर से जुड़े हैं लेकिन रोने से आपकी आंखों की जो सफाई होती है, वो आपकी शारीरिक सेहत से जुड़ा मामला है। जी हां, कभी-कभी रोना आंखों के लिए अच्छा होता है। इससे आंखों की मसल्स का तनाव भी कम होता है, आंखों की सफाई होती है और आंखों के पीछे मौजूद कोशिकाओं, उत्तकों में मजबूती भी आती है।