चीन-पाकिस्तान से भारत के रिश्ते रहेंगे 'तनावपूर्ण', US से दखल की अपील

May 12 2022

चीन-पाकिस्तान से भारत के रिश्ते रहेंगे 'तनावपूर्ण', US से दखल की अपील

अमेरिका में भारत और चीन संबंधों के तनावपूर्ण रहने का अनुमान जाहिर किया गया है. यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी ( USIC ) ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि साल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हुए हिंसक झड़प’ को लेकर आने वाले दिनों में भी भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे. USIC ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह के संभावित संकट पर भी चिंता जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में अमेरिका से दखल देने की अपील भी की गई है.

कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सामने खतरों के संबंध में अपना सालाना आकलन रिपोर्ट पेश करते हुए मंगलवार को यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने कहा कि भारत और चीन दोनों के बीच विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी बॉर्डर पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाने से दोनों परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का खतरा बढ़ता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्थित अमेरिकी नागरिकों और हितों के लिए सीधे तौर पर खतरनाक हो सकता है.

भारत में आतंकी हमलों को पाकिस्तान का सहयोग

USIC ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध 2020 में हिंसक संघर्ष के मद्देनजर तनावपूर्ण बने रहेंगे. पिछले गतिरोध से पता चलता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निरंतर टकराव में तेजी आने की आशंका है. वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद भी चिंता का विषय बना है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने का एक लंबा इतिहास रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बात की संभावना अधिक है कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे के प्रति सैन्य कार्रवाई किया जा सकता है.

शांति और सौहार्द्र पर हमेशा रहा है भारत का जोर

दूसरी ओर भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और सौहार्द्र महत्वपूर्ण है. भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हुआ था. दोनों देशों ने धीरे-धीरे वहां हजारों सैनिकों और भारी हथियारों के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. हालांकि, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है. इस वार्ता कि मुताबिक दोनों देशों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण छोर से और गोगरा क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की.