Ukraine War में फंसा यूरोप, चीन ने दिया रूस के दोस्त सर्बिया को HQ-22 सिस्टम

May 02 2022

Ukraine War में फंसा यूरोप, चीन ने दिया रूस के दोस्त सर्बिया को HQ-22 सिस्टम

बेलग्रेड: बीते दो महीनों से अधिक समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच दुनिया दो खेमों में बंट चुकी है. एक रूस विरोधी अमेरिका नीत पश्चिमी औऱ नाटो देशों को गठबंधन है, तो दूसरा रूस के साथ खड़े चीन और सर्बिया (Serbia) जैसे अन्य देश हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अमेरिका और नाटो देशों को यूक्रेन मसले पर खुलेआम धमकी दे चुके हैं. इस धड़ेबंदी के बीच ड्रैगन ने रूस के दोस्त सर्बिया को अपनी आधुनिक विमान रोधी प्रणाली एचक्यू-22 की आपूर्ति कर दी है. इस विमान रोधी मिसाइल सिस्टम के इसी हफ्ते पहले सार्वजनिक प्रदर्शन से बाल्कन क्षेत्र की शांति व्यवस्था को नया खतरा पैदा हो गया है. जानकारी के मुताबिक इस सिस्टम की आपूर्ति चीन (China) ने बीते महीने अपने वाय-20 श्रेणी के दर्जन भर लड़ाकू विमानों से की थी. आधुनिक दौर में चीन की ओर से एयर लिफ्ट कर पहुंचाया गया यह पहला सैन्य उपकरण था.

बाल्कन देशों के लिए गंभीर खतरा
सामरिक जानकार बताते हैं कि चीन औऱ सर्बिया के बीच आधुनिक विमान रोधी प्रणाली का सौदा काफी गुपचुप तरीके से हुआ था. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को रूस-यूक्रेन युद्ध की दुरभिसंधि में फंसा देख चीन ने इन हथियारों की सप्लाई की है. रूस के साथ पहले दिन से खड़े सर्बिया को इस विमान रोधी सिस्टम की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों ने गहरी चिंता जताई है. उन्होंने आशंका जताई है कि सर्बिया जैसे देश को ऐसे आधुनिक सिस्टम की आपूर्ति से बाल्कन समेत यूरोप के कई देशों की शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है. गौरतलब है कि गृहयुद्ध के दौर से ही चीन ने सर्बिया की मदद की है, जबकि अमेरिका के साथ इन देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं.

एचक्यू-22 है इतना खतरनाक
चीन का एचक्यू-9 विमान रोधी मिसाइल सिस्टम मध्यम और लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला अत्याधुनिक सिस्टम है. एचक्यू-22 को चीन के पुराने एचक्यू-2 मिसाइल को अपग्रेड कर बनाया गया है. इस अपग्रेडेड सिस्टम को चीन ने 2016 में पहली बार सार्वजनिक रूप से एफके--3 के उन्नत संस्करण के रूप में प्रदर्शित किया था.इस विमान रोधी मिसाइल सिस्टम की रेंज 170 किलोमीटर है. इसका वजन 300 किलोग्राम और लंबाई सात मीटर है. इसकी एक मिसाइल 180 किलोग्राम तक के वॉरहेड के साथ हमला कर सकती है. इस लिहाज से इसे बाल्कन क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा करार दिया जा रहा है.