इस तरह करें गुरुवार को पूजा, व्रत का है धार्मिक महत्त्व, दूर होती है नकारात्मकता

Feb 03 2022

इस तरह करें गुरुवार को पूजा, व्रत का है धार्मिक महत्त्व, दूर होती है नकारात्मकता

हिन्दू धर्म में हर दिन अलग-अलग देवी-देवता को समर्पित होता है और ग्रहों के पूजन के लिए जाना जाता है। कल गुरुवार है जो कि बृहस्पति ग्रह को समर्पित है। गुरुवार के दिन किए गए ज्योतिषीय कार्य बृहस्पति ग्रह की स्थिति को मजबूत करते हुए आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाते हुए आपके जीवन की कई परेशानियों का अंत करते हैं। बृहस्पति का साथ छोडऩा अर्थात् आत्मा का शरीर छोड़ जाना है। गुरु ग्रह के कारण ही धरती का अस्तित्व बचा हुआ है। आज खास खबर डॉट कॉम अपने पाठकों को उन उपायों को बताने जा रहा है जो गुरुवार के दिन किए जाने चाहिए जिससे आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा और आपका मान-सम्मान बढ़ेगा—
पीपल में जल चढ़ाएं
गुरुवार के दिन पीपल में जल जरूर अर्पित करना चाहिए। धर्मगुुरुओं और धर्मग्रन्थों के अनुसार पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का निवास है। गुरुवार को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने से जहाँ भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं वहीं पितृदोष भी मिट जाता है और पितृदेव आशीर्वाद देते हैं। गुरुवार को पापों का प्रायश्चित करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि यह दिन देवी-देवताओं और उनके गुरु बृहस्पति का दिन होता है।
पूजा करने और मंदिर जाने का वार
हिन्दू धर्म में गुरुवार को रविवार से भी श्रेष्ठ और पवित्र दिन माना गया है। यह धर्म का दिन होता है। इस दिन मंदिर जाना जरूरी होता है। गुरुवार की दिशा ईशान है। ईशान में ही देवताओं का स्थान माना गया है। इस दिन सभी तरह के धार्मिक और मंगल कार्य से लाभ मिलता है। प्रयास करके सभी को प्रत्येक गुरुवार को मंदिर जाना चाहिए और पूजा, प्रार्थना या ध्यान करना चाहिए।
गुरुवार का व्रत करें
कुंडली में यदि बृस्पति कमजोर है, शुक्र, बुध या राहु के साथ है या किसी भी प्रकार से वह नीच हो रहा है तो जातक को गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति से ही भाग्य जागृत होता है। उसी से आसानी से विवाह होता है और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है। गुरु ही लंबी आयु प्रदान करता है। उथली व छिछली मानसिकता वाले व्यक्तियों को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य रखना चाहिए। यदि गुरु दशम भाव में है या किसी भी प्रकार से पितृदोष निर्मित हो रहा है तो जातक को गुरुवार अवश्य करना चाहिए साथ ही प्रतिदिन हनुमान चालीसा भी पढऩा चाहिए। इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
चंदन का तिलक लगाएँ
गुरुवार के दिन सफेद चंदन, केसर, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाना चाहिए जिससे गुरु का बल बढ़ता है। इस दिन केसर खाना और नाभि, कपाल और कान पर लगाना भी चाहिए। गुरुवार को केसर का तिलक लगाने से कुंडली में बृहस्पति के अच्छे प्रभाव मिलते हैं। कुंडली में बृहस्पति अच्छा है तो जीवन में सब कुछ अच्छा ही होगा।
गुग्गुल की धूप
गुरुवार को घर में गुग्गुल की धूप, गुड़ घी की धूप या अन्य तरह की सुगंधित धूप देना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अक्सर गुरुवार को इसकी धूप घर में दी जाती है। इस दिन धूप देने से गृह कलह, तनाव और अनिद्रा और किया कराया में लाभ तो मिलता ही है साथ ही दिल और दिमाग के दर्द में राहत मिलती है। सबसे बड़ी बात यह कि इस दिन धूप देने से पारलौकिक मदद मिलती है।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।