वैभव लक्ष्मी का दिन है शुक्रवार, व्रत करने से होती धन की वर्षा

Oct 01 2021

वैभव लक्ष्मी का दिन है शुक्रवार, व्रत करने से होती धन की वर्षा

उपवास हिंदू धर्म में पूजा का एक पवित्र हिस्सा है। हर दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है; इसलिए, प्रत्येक दिन से जुड़े उपवासों में भी पालन के अलग-अलग नियम होते हैं। हिंदू धर्म में शुक्रवार को मां लक्ष्मी का व्रत किया जाता है। इसे वैभव लक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है। मान्यता है कि वैभव लक्ष्मी व्रत रखने व मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-वैभव, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वैभव लक्ष्मी व्रत को शुक्रवार से शुरू किया जाता है और शुक्रवार के दिन ही रखा जाता है। ऐसे में किसी कारणवश आपको घर से बाहर जाना पड़ा तो आप अगले शुक्रवार भी व्रत रख सकते हैं। मान्यता है कि इस व्रत का पालन घर पर ही करना चाहिए।
यदि हम आगे वैभव लक्ष्मी व्रत भक्तों पर धन की वर्षा की मान्यता का पता लगाते हैं, तो हमें इसका समर्थन करने वाले ज्योतिषीय तथ्य मिलेंगे। दरअसल, ज्योतिष के अनुसार, शुक्रवार शुक्र ग्रह को समर्पित है, जो हमारे रिश्तों, व्यापार, करियर, धन, अचल संपत्ति और सफलता को नियंत्रित करने वाला ग्रह है। इसलिए, यह व्यापक रूप से माना जाता है कि यदि आप शुक्रवार का व्रत रखते हैं और दिव्य स्त्री ऊर्जा की पूजा करते हैं, तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आप सफल और समृद्ध बनेंगे।
वैभव लक्ष्मी व्रत शुरू करने से पहले, आपको उन शुक्रवारों की संख्या तय करनी होगी जो आप देवी लक्ष्मी को समर्पित करेंगे। शुक्रवार को जल्दी उठकर, स्नान करके और सुबह की प्रार्थना करके इस व्रत की शुरुआत की जाती है। याद रखें कि आपको दिन के दौरान गपशप या झूठ नहीं बोलना चाहिए और सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए अपने सर्वोत्तम व्यवहार पर होना चाहिए। साथ ही, अपने आहार को फलों और दूध तक सीमित रखना महत्वपूर्ण है।
वैभव लक्ष्मी व्रत विधि
शुक्रवार को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि निवृत्त हो जाएं। पूरे दिन मां लक्ष्मी का ध्यान लगाएं। इसके बाद शाम को पूजन सामग्री इक_ा करें। शाम को पूजा से पहले व्रती साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। अब चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। इस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति और श्री यंत्र रखें। तस्वीर के सामने थोड़े चावल का ढ़ेर रखें। उस पर जल से भरा तांबे का कलश रखें। कलश के ऊपर कटोरी में चांदी या सोने का आभूषण या सिक्का डालें। अब श्री लक्ष्मी यंत्र का जाप करें। जाप के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें या सुनें। अंत में घर के मेनगेट पर दीपक जलाएं। पूजा के बाद मां लक्ष्मी को भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करें।
वैभव लक्ष्मी व्रत पूजन सामग्री
मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र, फूल, पुष्प माला, कुमकुम, हल्दी, एक बड़ा कलश, चंदन, अक्षत, विभूति, मौली, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, पंचामृत, दही, केले, दूध, जल, धूप बत्ती, दीपक, कपूर, घंटी और प्रसाद।