ध्यान: सिर्फ 10 मिनट से बन सकती है सुन्दर जिन्दगी, इस तरह लगाए ध्यान

Oct 01 2021

ध्यान: सिर्फ 10 मिनट से बन सकती है सुन्दर जिन्दगी, इस तरह लगाए ध्यान

ध्यान मानसिक तकनीकों का एक समूह है जो आपके ध्यान और जागरूकता को प्रशिक्षित करने में मदद करता है। ध्यान में अक्सर एक शांत, केंद्रित और आराम से मानसिक स्थिति बनाने के लिए अपनी श्वास या किसी विशेष वाक्यांश, वस्तु या विचार पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है। ध्यान एक समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास वाली एक प्राचीन प्रथा है। इसका उपयोग पूर्वी चिकित्सा और परंपराओं में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। लगभग हर प्रमुख धर्म-ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और यहूदी धर्म अपनी धार्मिक प्रथाओं में ध्यान के किसी न किसी रूप को शामिल करता है।
आज बहुत से लोग गैर-धार्मिक, गैर-आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए ध्यान का उपयोग करते हैं। तनाव को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए, प्रतिदिन अपना ध्यान और जागरूकता बढ़ाने के लिए, अपने मनोदशा में सुधार करने और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने के लिए।
ध्यान को भारत की खोज माना जाता रहा है। मानसिक शांति, एकाग्रता और अपने आन्तरिक विकास के लिए ध्यान का सहारा लिया जाता है। भारत में जब से सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ा है तभी से लोगों की रुचि ध्यान में ज्यादा हुई है। योग गुरु बाबा रामदेव भी अपने यूट्यूब चैनल पर ध्यान का प्रचार-प्रसार करते रहते हैं। हाल ही में हुए एक शोध में भी यह बात साबित हो गई है कि भारत में लोग मानसिक शांति और अपने आंतरिक विकास के लिए ध्यान का सहारा लेते हैं। मेडिटेशन एकाग्रता बढ़ाने का काम करता है। मेडिटेशन मस्तिष्क के उन दो कनेक्शन को जोड़ता है जो एकाग्रता के साथ सोचने और ध्यान लगाने के लिए प्रेरित करता है।
ध्यान लगाने से मानसिक स्वास्थ्य को तो फायदा होता ही है, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ व्यक्तिगत स्तर पर होता है, क्योंकि ध्यान या मेडिटेशन आपको अपने शरीर और इंद्रियों के प्रति सजग बनाता है। लेकिन आमतौर पर, लोगों को मेडिटेशन करने के तरीके के बारे में काफी शंका रहती हैं।
कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर ध्यान लगाया कैसे जाए। इसकी शुरूआत कहाँ से और कैसे करनी चाहिए। क्या इसके लिए किसी मंत्र आदि जाप करना चाहिए इत्यादि . . . इत्यादि। इस बारे में मेडिटेशन अध्यापक और साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि ध्यान लगाने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है, जो आपको सही लगे उसे अप्लाई करना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि जो आपको कंफर्टेबल लगता हो उसी में ध्यान लगाइए। इसका मकसद होता है ऐसा पोज खोजना जहां आपका शरीर शांति और मजबूती महसूस करता है।

ध्यान कैसे करें मूल बातें
एक शांत जगह खोजें—अपना फोन, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स बंद कर दें। यदि आप पृष्ठभूमि में संगीत या ध्वनि चाहते हैं, तो कुछ शांत और दोहराव चुनें, जैसे बारिश या समुद्र की आवाज।
एक आरामदायक स्थिति खोजें—अधिकांश ध्यान बैठने की स्थिति में होते हैं। कुंजी एक ऐसी स्थिति ढूंढना है जिसे आप आराम से कई मिनटों तक पकड़ सकते हैं। यह फर्श पर क्रॉस-लेग्ड बैठना, कुर्सी पर बैठना, या अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए कंबल, तकिया या कुशन के साथ फर्श पर बैठना हो सकता है।
एक दिनचर्या स्थापित करें—ध्यान के लाभों को प्राप्त करने के लिए, आपको एक दिनचर्या स्थापित करने की आवश्यकता है। इसे आदत बनाएं। एक शेड्यूल सेट करें और हर दिन कम से कम दस मिनट एक ही समय पर ध्यान करने की कोशिश करें, जैसे सोने से पहले या जब आप जागते हैं।
धीमी शुरुआत करें—शुरुआती लोगों को पांच से 10 मिनट से अधिक समय तक ध्यान लगाना चुनौतीपूर्ण लग सकता है। शुरू करने के लिए पांच से 10 मिनट की समय सीमा निर्धारित करें। सत्र की अवधि नियमित रूप से ध्यान करने से कम महत्वपूर्ण नहीं है। ध्यान मानसिक व्यायाम का एक रूप है। जैसे-जैसे आप अभ्यास विकसित करते हैं, आप लंबे सत्रों के लिए सहनशक्ति का निर्माण करते हैं।
मेडिटेशन एक दिलचस्प प्रक्रिया है। जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। ध्यान लगाने से इंसान अपने शरीर और आसपास के वातावरण के प्रति जागरूक होता है। मानसिक स्वास्थ्य के साथ मेडिटेशन शारीरिक फायदे भी पहुंचाता है। जी हां, ये हम नहीं बल्कि खुद सरकारी स्वास्थ्य विभाग मानते हैं। मेडिटेशन को लेकर जितने भी अध्ययन हुए हैं, उनमें यह खुलासा हुआ है कि मेडिटेशन दर्द समेत कई शारीरिक समस्याओं से राहत देता है।
दर्द से राहत
कई रिसर्च में मेडिटेशन के अंदर दर्द से राहत देने वाले गुण देखे गए हैं। लगभग पाँच साल पहले हुई एक रिसर्च में भी यह बात सामने आई कि पेन किलर दवाओं के साथ मेडिटेशन करने से दर्द प्रभावशाली तरीके से कम होता है।
हाई ब्लड प्रेशर
अभी कुछ माह पूर्व हुए एक और अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से मेडिटेशन करना हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पर प्रभाव डालता है। इस प्रमाण को बाद में अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की तरफ से मिले बयान को भी मजबूती मिली थी।
आईबीएस सिंड्रोम
आईबीएस सिंड्रोम बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को कहा जाता है। एक दशक पूर्व एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी की मेडिटेशन के जरिये बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उसे 90 प्रतिशत तक दूर किया जा सकता है। अर्थात् आईबीएस के लक्षणों को कम करने में मेडिटेशन बहुत लाभदायक है।
अन्य शारीरिक समस्याएँ
मेडिटेशन करने से तनाव, चिंता, अवसाद, इंसोम्निया आदि में कमी के साथ अल्सरेटिव कोलाइटिस, धूम्रपान की आदत, रजोनिवृत्ति के लक्षण, थकान आदि समस्याओं में भी राहत मिलती है।
एक विचार पर केंद्रित होना है मेडिटेशन
विशेषज्ञों का कहना है कि ध्यान लगाने का मतलब एक विचार पर केंद्रित होना होता है। चाहे वह आपके ईश्वर हो सकते हैं, चाहे आपका प्रेमी, चाहे आपकी सांसे या चाहे कोई आवाज। इसके अलावा, मेडिटेशन कितने भी समय तक किया जा सकता है, लेकिन कम से कम 15-20 मिनट जरूर ध्यान लगाना चाहिए।
मेडिटेशन एक दिलचस्प प्रक्रिया है। जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। ध्यान लगाने से इंसान अपने शरीर और आसपास के वातावरण के प्रति जागरूक होता है। मानसिक स्वास्थ्य के साथ मेडिटेशन शारीरिक फायदे भी पहुंचाता है। जी हां, ये हम नहीं बल्कि खुद सरकारी स्वास्थ्य विभाग मानते हैं। मेडिटेशन को लेकर जितने भी अध्ययन हुए हैं, उनमें यह खुलासा हुआ है कि मेडिटेशन दर्द समेत कई शारीरिक समस्याओं से राहत देता है।
दर्द से राहत
कई रिसर्च में मेडिटेशन के अंदर दर्द से राहत देने वाले गुण देखे गए हैं। लगभग पाँच साल पहले हुई एक रिसर्च में भी यह बात सामने आई कि पेन किलर दवाओं के साथ मेडिटेशन करने से दर्द प्रभावशाली तरीके से कम होता है।
हाई ब्लड प्रेशर
अभी कुछ माह पूर्व हुए एक और अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से मेडिटेशन करना हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पर प्रभाव डालता है। इस प्रमाण को बाद में अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की तरफ से मिले बयान को भी मजबूती मिली थी।
आईबीएस सिंड्रोम
आईबीएस सिंड्रोम बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को कहा जाता है। एक दशक पूर्व एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी की मेडिटेशन के जरिये बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उसे 90 प्रतिशत तक दूर किया जा सकता है। अर्थात् आईबीएस के लक्षणों को कम करने में मेडिटेशन बहुत लाभदायक है।
अन्य शारीरिक समस्याएँ
मेडिटेशन करने से तनाव, चिंता, अवसाद, इंसोम्निया आदि में कमी के साथ अल्सरेटिव कोलाइटिस, धूम्रपान की आदत, रजोनिवृत्ति के लक्षण, थकान आदि समस्याओं में भी राहत मिलती है।
एक विचार पर केंद्रित होना है मेडिटेशन
विशेषज्ञों का कहना है कि ध्यान लगाने का मतलब एक विचार पर केंद्रित होना होता है। चाहे वह आपके ईश्वर हो सकते हैं, चाहे आपका प्रेमी, चाहे आपकी सांसे या चाहे कोई आवाज। इसके अलावा, मेडिटेशन कितने भी समय तक किया जा सकता है, लेकिन कम से कम 15-20 मिनट जरूर ध्यान लगाना चाहिए।