Corona की बूस्टर डोज बढ़ा रही 4 गुना इम्युनिटी, इजरायली अध्ययन में खुलासा

Aug 23 2021

Corona की बूस्टर डोज बढ़ा रही 4 गुना इम्युनिटी, इजरायली अध्ययन में खुलासा

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की रोकथाम के लिए बनीं कई वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर तमाम तरह के परीक्षण और अध्ययन अभी भी जारी हैं. खासकर वैक्सीन की दो डोज के बाद बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर दुनिया के तमाम देशों में खासा उत्साह और सरगर्मी है. भारत में भी बूस्टर डोज पर वैज्ञानिकों के बीच बहस चल रही है. इस कड़ी में इजरायल (Israil) में हुए नए अध्ययन से आगे की उम्मीद जगी है. इजरायली अध्ययन में पाया गया है फाइजर वैक्सीन की बूस्टर डोज से प्रतिरक्षा तंत्र तो मजबूत होता ही. साथ ही 60 की वय या इससे ऊपर के लोगों में संक्रमण के चलते गंभीर बीमारी से बचाने में भी भारी मदद मिलती है.

डेल्टा वेरिएंट ढा रहा कहर
इजरायली अध्ययन ऐसे समय आया है, जब कोरोना का डेल्टा वेरिएंट दुनिया भर में कहर ढा रहा है. इसके गंभीर लक्षणों को देखते हुए अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी ने अपने नागरिकों को वैक्सीन का बूस्टर शॉट देने का फैसला ले लिया है. इजरायली अध्ययन के नतीजे रविवार को जारी किए गए हैं. यह नतीजे बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन के बूस्टर शॉट से 60 से अधिक वय के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता पिछली दो डोज की तुलना में 4 गुना अधिक बढ़ गई. अध्ययन में यह भी पाया गया कि बूस्टर डोज यानी तीसरे टीके के बाद गंभीर बीमारी से लड़ने की क्षमता भी पांच से छह गुना अधिक देखी गई.

बूस्टर डोज 86 फीसदी कम हो रही कोरोना संक्रमण की आशंका
इजरायल में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण को रोकने के लिए बूस्टर डोज देने का काम मेकाबी हेल्थ सर्विसेज कर रही है. इस संस्था का दावा था 60 से अधिक वय के लोगों में कोरोना टीके की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज देने से कोविड-19 संक्रमण की आशंका 86 फीसदी तक कम की जा सकती है. यही नहीं, गंभीर संक्रमण के खिलाफ बूस्टर शॉट 92 फीसद तक प्रभावी पाई गई. इसके पहले फाइजर और मॉर्डना ने अपने अध्ययन में बूस्टर शॉट से प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ जाने का दावा किया था. अब इस दावे को सिद्ध करती अध्ययन रिपोर्ट भी आ गई है. इजरायल ने दो टीकों के बावजूद कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 30 जुलाई से लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज देनी शुरू की थी. फिलहाल वहां बूस्टर डोज उन्हीं लोगों को दी जा रही है, जिन्होंने दूसरी खुराक पांच महीने पहले ली हो.