Covid Management: 29 अप्रैल को प्रदेश के आयुष डाॅक्टरों से भी वार्ता करेंगे योगी आदित्यनाथ

Apr 27 2021

Covid Management: 29 अप्रैल को प्रदेश के आयुष डाॅक्टरों से भी वार्ता करेंगे योगी आदित्यनाथ

India Emotions, Lucknow. प्रदेश सरकार द्वारा 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त व्यक्तियों के लिए निःशुल्क टीकाकरण अभियान को जोर-शोर से चलाया जायेगा। इसके लिए 1 करोड़ वैक्सीन डोज का प्रबंध किया गया है। लोगों को समय पर टीकाकरण की डोज उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश में अब तक 98.83 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 20 लाख से अधिक लोगों को इसकी दूसरी डोज लगायी गयी है।

प्रदेश सरकार द्वारा महामारी नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है और कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। प्रदेश में कल तक 16.19 करोड़ परिवारों तक स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम पहुँची। इसमें जो भी व्यक्ति संक्रमित पाये गये उनका टेस्ट कराकर इलाज कराया गया। 24 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में 20 करोड़ से अधिक लोगों तक प्रदेश का स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग पहुँचा है। देश और दुनिया का यह एक अनोखा अभियान है, जिसे प्रदेश सरकार लोगों के हित में चला रही है। जनसंख्या के अनुपात में प्रदेश में संक्रमण के आंकड़े भी अन्य प्रदेशों से कम है।

प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति सरकार द्वारा बढ़ाई जा रही है। कल 550 मी0टन आक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न अस्पतालों को की गई। टैंकरों के माध्यम से आक्सीजन की मांग के अनुरूप आपूर्ति निरन्तर बढ़ाई जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आक्सीजन उपलब्धता के स्थायी समाधान के लिए भारत सरकार के सहयोग से 39 अस्पतालों में हवा से आक्सीजन बनाने वाले प्लाण्ट लगाने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही पीएम केयर्स फण्ड के तहत 46 जिलों में आक्सीजन प्लाण्ट लगाये जाने के प्रस्ताव भारत सरकार को उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके साथ ही 54 निजी निवेशकों द्वारा भी प्रदेश में आक्सीजन प्लाण्ट के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

इसके लिए स्थान और अस्पताल का चिन्हीकरण कर शीघ्र ही इनको स्थापित कराया जायेगा। प्रदेश सरकार इन निवेशकों को आक्सीजन प्लाण्ट लगाने पर पूंजीगत अनुदान एवं सब्सिडी आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायेगी।

अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए है कि कोविड संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड मरीजों को समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायें। दवाई, एम्बूलेंस की उपलब्धता तथा आक्सीजन आपूर्ति में कहीं भी गड़बड़ी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एम्बूलेंस की मात्रा बढ़ाई गई है, फिर भी कहीं पर एम्बूलेंस की उपलब्धता में समस्या आती है, तो इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट अपनी देखरेख में मरीज को अस्पताल पहुँचायेंगे। किसी भी मरीज को भटकना न पड़े इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट को कोविड कन्ट्रोल कमाण्ड सेण्टर के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि मरीज को सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। निजी अस्पतालों में कोविड इलाज की दरें निर्धारित हैं। किसी भी कोविड मरीज से निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बेड न उपलब्ध होने पर निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज कराया जायेगा, जिसका भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के तहत किया जाएगा।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी कोविड नियंत्रण के बेहतर प्रबंधन के लिए समाज के अन्य वर्गों से संवाद स्थापित कर उनके सुझावों एवं कठिनाइयों पर भी ध्यान देते हैं तथा इससे महामारी के प्रभावी नियंत्रण के लिए योजना बनाने में भी सहयोग मिलता है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जी ने आज सम्पूर्ण प्रदेश के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों, नर्सिंग होम एसोसिएशन के सदस्यों, निजी अस्पतालों के डायरेक्टर, सीएमएस से वर्चुअल वार्ता की। 28 अप्रैल को पूरे प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियों से वार्ता करेंगे तथा 29 अप्रैल को प्रदेश के आयुष डाॅक्टरों से भी वार्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि आयुष का काढ़ा, क्वाथ और दवाइयां भी बीमारी में काफी प्रभावी होती हैं। इन सभी व्यवस्थाओं के साथ प्रदेश को इस गम्भीर महामारी से शीघ्र मुक्ति दिलाने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।