वर्ष 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर बनाने के में सहकारिताएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं

Mar 26 2021

वर्ष 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर बनाने के में सहकारिताएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं

India Emotions, Business Desk. केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना अनुसार, वर्ष 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारिताएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2024-25 तक, 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सभी प्रकार की सहकारिताओं की बड़ी भूमिका है।” उन्होंने कहा कि हमारे किसानों ने यह बार-बार प्रमाणित किया है, विशेषकर वैश्विक महामारी के दौरान, कि जीडीपी में उनका योगदान सबसे बेहतर रहता है। मंत्री जी ने बेहतर तकनीक, निवेश, वित्त तथा बाजार की बेहतर पहुँच के माध्यम से छोटे तथा सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्थापित कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सहयोग पर विचार करने पर एनसीडीसी से अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि हमें हमारी सरकार द्वारा 10,000 एफपीओ की स्थापना के संदर्भ का अवलोकन करना चाहिए । सहकारिताओं के रूप में गठित एफपीओ को भी, कॉपएक्सिल द्वारा सुविधा प्रदान की जाएगी।


संुधांशु शर्मा ने बताया कि संजय अग्रवाल, कृषि सचिव ने आगे कहा कि अक्टूबर 2019 में आयोजित सर्वप्रथम भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले से हुए लाभों का सहकारिताओं के किसानों हेतु पूर्णतः सदुपयोग किया जाना चाहिए । उन्होंने निर्यात में सभी प्रकार की सहकारिताओं को शामिल करने के लिए एक व्यापक-आधारित दृष्टिकोण का सुझाव दिया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 94 प्रतिशत किसान एक या उससे अधिक सहकारिताओं के सदस्य हैं।

आई.आई.सी.टी.एफ. का उद्देश्य सहकारिताओं को भारत के अंतर्गत तथा विदेश में सहकारिताओं के साथ व्यापार करते हुए मुख्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना था। इस तथ्य को ध्यान मे रखते हुए कि भारतीय कृषि समाज की रीढ़ बनी हुई है, जो लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या को आजीविका प्रदान करती है, मंत्री जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र का भारत के निर्यात में 10 प्रतिशत से अधिक योगदान है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारी कृषि निर्यात नीति 2018, कृषि निर्यात को दोगुना करने एवं भारतीय किसानों तथा कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ने पर केंद्रित है।


श्री रुपाला ने कहा कि एनसीडीसी ने दिनांक 16 मई 2019 को सभी राज्यों के हितधारकों के साथ राष्ट्रीय स्तरीय परामर्श का आयोजन किया है जिसका निष्कर्ष यह रहा कि उच्च मूल्य प्राप्त करने हेतु सहकारी समितियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपने संस्थागत नेतृत्व के अंतर्गत एनसीडीसी को सहकारी क्षेत्रक निर्यात संवर्धन निकाय का गठन करना चाहिए। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले के आयोजन के अवसर पर श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, तथा श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री द्वारा दिनांक 2 जुलाई, 2019 को संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एनसीडीसी द्वारा सहकारी क्षेत्रक निर्यात संवर्धन निकाय के गठन की औपचारिक घोषणा राष्ट्र की राजधानी में की गई थी। भारतीय सहकारिताओं हेतु निर्यात संवर्धन गतिविधि के रूप में, एनसीडीसी एवं अन्य द्वारा अक्टूबर, 2019 में पहली बार आई.आई.सी.टी.एफ.का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस मेले में 35,000 से अधिक आगंतुकों का आगमन हुआ और 125 विदेशी खरीददारों ने प्रतिभाग किया। इसमें लगभग 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य वाले 75 व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। व्यापार मेले की भव्य सफलता ने कॉपएक्सिल के शुरुआती कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया।

मंत्री जी ने आगे कहा कि बैठक में देश एवं विदेश के विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने ऑफलाइन तथा ऑनलाइन सहभागिता की ।


श्रीमती संदीप कौर, विशेष सचिव (सहकारिता), उप्र शासन एवं सुधॉंशु शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ ने सहभागिता की। श्री रूपाला ने यह सुझाव दिया कि कॉपएक्सिल के सामान्य निकाय, जिसमें सभी हितधारकों एपीडा, एमपीडा, इफ्फको, नैफेड, ट्राईफेड आदि का प्रतिनिधित्व है, के स्वयं के महासचिव एवं सचिवालय हों निकाय के संवर्धक के रूप में, एनसीडीसी को अपने संसाधनों को कॉपएक्सिल को उपलब्ध कराना चाहिए। देश भर में सहकारिताओं को वित्तपोषण कर संवर्धित करने में, एनसीडीसी की भूमिका पर जोर देते हुए मंत्री जी ने कहा कि, एनसीडीसी ने अपने गठन से अब तक सहकारिताओं को 1.76 लाख करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है । एनसीडीसी ने सहकारिताओं की आवश्यकताओं के लिए हाल ही में अनेक नई पहलें जैसे युवा सहकार, सहकार मित्र, आयुष्मान सहकार एवं सहकार प्रज्ञा आदि प्रारंभ की हैं। मेरा सुझाव है कि सहकारिताओं की आवश्यकताओं को समझते हुए वित्तपोषण हेतु एनसीडीसी द्वारा निर्यात सहकार योजना निर्मित की जाए। मंत्री जी ने अपनी सलाह के साथ-साथ आशा व्यक्त की कि कॉपएक्सिल देश के निर्यात क्षेत्र में लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करेगा।


श्री संदीप नायक, प्रबंध निदेशक, एनसीडीसी ने सभी सहभागियों के समर्थन को स्वीकार करते हुए कहा कि परिषद अपने उत्पादों के निर्यात के लिए सहकारी समितियों हेतु समन्वयक की भूमिका निभाएगी। उन्होंने आगे कहा कि एनसीडीसी का युवा-लक्षित कार्यक्रम, युवा- सहकार इसका एक मुख्य संचालक होगा।