मरजावां रिव्यू : ड्रामा-एक्शन अच्छा पर पूरी तरह से दिल में नहीं उतरी कहानी

Nov 15 2019

मरजावां रिव्यू : ड्रामा-एक्शन अच्छा पर पूरी तरह से दिल में नहीं उतरी कहानी

इंडिया इमोशंस न्यूज सिद्धार्थ मल्होत्रा, रितेश देशमुख और तारा सुतारिया के मुख्य किरदारों से सजी फिल्म मरजावां शुक्रवार को रिलीज हुई। फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है। सिद्धार्थ (रघु) अन्ना के लिए गैर कानूनी काम करता है। अन्ना उसे अपने बेटे रितेश (विष्णु) से भी ज्यादा प्यार करता है। विष्णु इस बात से चिढ़ता है। इस दौरान रघु की जिंदगी में तारा (जोया) की एंट्री होती है।

वह उससे प्यार कर बैठता है. संगीतप्रेमी तारा के साथ रघु अच्छाई के रास्ते पर आगे बढऩा चाहता है, लेकिन विष्णु इस दौरान कुछ ऐसे हालात पैदा कर देता कि रघु को खुद जोया को गोली मारनी पड़ती है। इसके बाद से रघु की लाइफ पूरी तरह से बदल जाती है। वह अब सिर्फ एक जिंदा लाश बनकर रह जाता है और इधर विष्णु की दादागिरी काफी बढ़ जाती है।

विष्णु के आंतक से मोहल्ले वाले और रघु के दोस्त जिसमें बार डांसर रकुल प्रीत सिंह (आरजू) का नाम भी शामिल है, त्रस्त होते हैं। सिद्धार्थ का एक्शन अवतार है, जबकि रितेश का किरदार काफी दिलचस्प है। रितेश ने तीन फुट के बौने का रोल निभाया है। कुछ डायलॉग जोरदार हैं। कहानी में ड्रामा और एक्शन अच्छा है, लेकिन यह पूरी तरह से दिल में उतर नहीं पाई।

एक्टिंग पर नजर डालें तो सिद्धार्थ के हाव-भाव खास नहीं लगे। रितेश वाहवाही लूटने में सफल रहे। तारा काफी खूबसूरत लगीं। उन्होंने गूंगी लडक़ी का किरदार निभाया है। इंस्पेक्टर के रूप में रवि किशन जमे हैं। दर्शकों को बहुत ज्यादा दिमाग लगाकर देखने की जरूरत नहीं है। मरजावां का संगीत दिल में घर कर जाएगा। इसके गाने बेहद शानदार हैं। पायल देव के संगीत में जुबिन नौटियाल का गाया, तुम ही आना इस फिल्म की जान है। यह कई बार सुनाई देता है। तनिष्क बागची के संगीत में नेहा कक्कड़ और यश नार्वेकर के स्वर में एक तो काम जिंदगानी पर नोरा फतेही रंग जमा गईं।

कलाकार : सिद्धार्थ मल्होत्रा, रितेश देशमुख, तारा सुतारिया, रकुल प्रीत सिंह, रवि किशन
निर्माता : निखिल आडवाणी, दिव्या कुमार खोसला, भूषण कुमार, कृष्ण कुमार
निर्देशक : मिलाप जवेरी
अवधि : 2 घंटा 15 मिनट