मोक्षदा एकादशी 3 व 4 दिसम्बर को, रविवार को रखा जाएगा व्रत

Dec 02 2022

मोक्षदा एकादशी 3 व 4 दिसम्बर को, रविवार को रखा जाएगा व्रत

इस बार माह दिसम्बर, अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी दो दिन 3 व 4 दिसम्बर को है। गौरतलब है कि इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। धर्माचार्यों का कहना है कि व्रत और पूजा 4 तारीख को ही करनी चाहिए। पौराणिक ग्रन्थों में बताया गया है कि इस एकादशी का व्रत और पूजन करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती है।

एकादशी तिथि का मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 3 दिसंबर, शनिवार को सूर्योदय के बाद यानी सुबह करीब 8.10 से शुरू होगी। फिर अगले दिन यानी 4 दिसंबर, रविवार को सूर्योदय के बाद तकरीबन साढ़े 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषियों का कहना है कि जब एकादशी तिथि दो दिन तक सूर्योदय के समय रहे तो दूसरे दिन ये व्रत-पूजा और स्नान-दान करना चाहिए।

पौराणिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पाप खत्म हो जाते हैं और पूर्वजों को भी इससे मोक्ष मिलता है। इसलिए ये मोक्ष देने वाला व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने से मिलने वाला पुण्य कई यज्ञ करने जितना होता है।
आज इस कड़ी में हम आपको मोक्षदा एकादशी के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो बेहद ही फलदायी साबित होंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...

1. शास्त्रों में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के भक्तों को दक्षिणावर्ती शंख की पूजा निश्चित रूप से करनी चाहिए। इससे कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

2. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का भी पूजन किया जाता है। इस दिन लोग भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी करते हैं लेकिन ध्यान रखें कि इस व्रत में अन्न का सेवन करना वर्जित होता है।

3. अगर आपका कोई महत्वपूर्ण कार्य काफी समय से अटका हुआ है तो एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करते समय उन्हें पीले चंदन और केसर में गुलाब जल मिलाकर तिलक करें। इस उपाय को करने से आपके सभी कार्य पूर्ण होंगे।

4. आर्थिक संकटों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो एकादशी के दिन एक नारियल लाएं और उसे थोड़ा सा काटकर उसमें बूरा और देसी घी मिलाकर भर दें। इसके बाद नारियल को बंद कर दें और किसी ऐसी जगह मिट्टी में दबाकर आएं जहां आस-पास चीटियों का बिल हो। कहते हैं कि जैसे-जैसे चीटियां उस नारियल को खाएंगी वैसे ही आपकी आर्थिक समस्याएं भी दूर होने लगेंगी।

5. एकादशी पूजा के समय भगवान विष्णु को पंचामृत और तुलसी के पत्ते का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे। आपको जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होंगे। ध्यान रहे कि मोक्षदा एकादशी रविवार को है, इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ते हैं। ऐसे में आप पहले से ही पत्ते तोडक़र रख लें।

6. एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को नारियल और बादाम का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद वह भोग बच्चों में प्रसाद के तौर पर बांट दें। यह उपाय लगातार 27 एकादशियों तक करें तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।

7. संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं तो एकादशी के दिन से गोपाल मंत्र ‘ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:’ मंत्र का जाप करना शुरू करें और यह जाप प्रतिदिन 108 बार करें। इससे संतान योग बनते हैं।

8. तुलसी की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी लेकर पानी में डालकर स्नान करें। फिर साफ पानी से स्नान करके, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इससे स्वास्थ्य समस्या से निदान मिलेगा।

आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।