लोहिया संस्थान के स्थापना दिवस पर बीएससी नर्सिंग छात्रा- छात्राओं को मिला तोहफा

Sep 24 2022

लोहिया संस्थान के स्थापना दिवस पर बीएससी नर्सिंग छात्रा- छात्राओं को मिला तोहफा

लखनऊ। लोहिया संस्थान स्थापना दिवस शुक्रवार को
इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में मनाया गया। इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि बीएससी नर्सिंग में दाखिले की आस में बैठे छात्र-छात्राओं को तोहफा दिया। गरीब छात्र-छात्राएं सरकारी संस्थानों से बीएससी नर्सिंग की डिग्री ले सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में यह कोर्स शुरू किया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 17 थी। वहीं निजी क्षेत्र के 25 मेडिकल कॉलेज थे। अब प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी है। चार साल में 18 सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले। अब कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। 30 निजी कॉलेज हो गए हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में डॉक्टर-कर्मचारियों के नए पद स्वीकृत हुए हैं। लोहिया संस्थान ने कम समय में प्रदेश में नया मुकाम हासिल किया है। डॉक्टर-कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है कि संस्थान आगे बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर-कर्मचारियों की मरीजों के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है। डॉक्टर मरीजों की सेवा करें। मरीजों के प्रति व्यवहार अच्छा रखें।
निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने कहा कि छह माह में 51 डॉक्टरों की भर्ती हुई। आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की भर्ती की गई। मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए 800 से 1000 बेड का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। अच्छे डॉक्टर तैयार करने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा,कि प्रसव के बाद शिशुओं में स्तनपान में कमी पर उन्होंने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जागरूकता की वजह से अस्पताल में प्रसव बढ़ रहे हैं। मौजूदा समय में करीब 84 फीसदी प्रसव अस्पताल में हो रहे हैं। वहीं प्रसव के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान कराने का आंकड़ा 24 फीसदी ही है। यह गंभीर चिंता की बात की है। इसके प्रति लोगों को जागरुक करने की जरूरत है। क्योंकि शिशु के जन्म के बाद शुरुआत पहले घंटे का दूध शिशु की सेहत के लिए अमृत है। डॉक्टर व नर्सों को भी इसमें एक कदम और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
इस मौके पर डॉ. शेट्टी ने कहा कि 70 फीसदी लोगों को बीपी (ब्लड प्रेशर) की बारे में जानकारी नहीं होती है। लक्षण नजर न आने की वजह से लोग जांच भी नहीं कराते हैं। समय पर बीपी की पहचान के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। स्कूल को इसमें शामिल करें। शिक्षकों को बीपी मापना सिखाएं जो कि छात्रों को बताएंगे। छात्र अपने घर परिवार के सदस्यों का बीपी मापें। गड़बड़ी नजर आने पर डॉक्टर को दिखाने की सलाह दे।
कार्यक्रम में संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर, डीन डॉ. नुजहत हुसैन, पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह, न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक सिंह, रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधूप रस्तोगी, ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. वीके शर्मा, डॉ. एपी जैन, रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. तुषांत समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।