2025 में सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड बना रही हैं। साल की शुरुआत से अब तक सोना 23% महंगा हो चुका है, जबकि पिछले एक साल में इसकी कीमत में 50% की बढ़ोतरी देखी गई है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बीते तीन साल से भी कम समय में सोने की कीमतों में 100% की बढ़ोतरी हुई है। 10 अक्टूबर 2022 को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की कीमत $1,704 प्रति औंस थी, जो 22 अप्रैल 2025 तक बढ़कर $3,470 हो गई है। यानी दो साल और छह महीने से कम समय में दोगुनी हो गई।
इससे पहले सितंबर 2018 से सितंबर 2020 के बीच भी सोने की कीमतों में तेज़ उछाल देखा गया था। तब यह $1,200 से बढ़कर $2,000 प्रति औंस तक पहुंचा, लेकिन तब भी कीमत दोगुनी नहीं हो पाई थी।
भारत में भी यही रुझान देखने को मिल रहा है। देश में आज हाजिर सोने की कीमत ₹99,000 प्रति 10 ग्राम है, जो जुलाई 2022 में ₹50,000 थी — यानी दो गुना उछाल।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर अनुबंध ने पहली बार ₹1 लाख का आंकड़ा पार किया। यह 1.69% या ₹1,666 की बढ़ोतरी के साथ ₹1,00,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।
सोने की कीमतों में यह लगातार वृद्धि कई वैश्विक कारणों से हो रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आलोचना ने जोखिम लेने की भावना को प्रभावित किया है, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्प की तलाश में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह का कहना है, “सोने के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने की मुख्य वजह राष्ट्रपति ट्रंप और फेड चेयर पॉवेल के बीच ब्याज दरों को लेकर बढ़ता तनाव है।”
पिछले दो-तीन वर्षों में भी कई ऐसे कारक सामने आए जिन्होंने सोने की कीमतों को ऊपर की ओर धकेला। इनमें अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क, डॉलर की गिरती कीमत, और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड्स की बिकवाली शामिल हैं। सोना आर्थिक अनिश्चितताओं के समय सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।
भू-राजनीतिक तनाव के चलते अब कई देशों के केंद्रीय बैंक भी भारी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। चीन ने हाल ही में बड़े पैमाने पर सोना खरीदा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी मांग और कीमतें बनी हुई हैं। 2025 की पहली तिमाही में चीन ने 12.8 टन सोना खरीदा और उसकी कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.3% बढ़कर $3.5 ट्रिलियन तक पहुँच गई।
हालांकि सोने की कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं, लेकिन मौजूदा मांग को देखते हुए निकट भविष्य में इसमें और वृद्धि की संभावना है। कोलिन शाह कहते हैं, “जहाँ एक ओर डॉलर की कीमत में गिरावट से अन्य मुद्राओं में सोना थोड़ा सस्ता होगा, वहीं वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के आधार पर हम 2026 तक अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की कीमत $3,600 प्रति औंस तक पहुँचने की उम्मीद करते हैं।”
अब सभी की नजरें ट्रंप और पॉवेल के बीच विवाद, साथ ही अमेरिका-चीन व्यापार तनाव पर होंगी, जो आगे सोने की दिशा तय करेंगे।