GPT-5 की लॉन्चिंग और भारत में ओपनएआई की बड़ी पहल

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में क्रांति लाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने हाल ही में अपना सबसे उन्नत मॉडल जीपीटी-5 (GPT-5) लॉन्च किया है। इसके साथ ही कंपनी ने भारत में एक बड़ी घोषणा की है, जिससे भारतीय यूज़र्स के लिए चैटजीपीटी (ChatGPT) का उपयोग करना और भी आसान हो जाएगा। अब भारतीय यूज़र्स चैटजीपीटी की सेवाओं के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह भारतीय रुपये में भुगतान कर सकेंगे।

GPT-5 का लॉन्च और शुरुआती चुनौतियां

ओपनएआई ने जीपीटी-5 को एक एकीकृत AI मॉडल के रूप में पेश किया था, जिसका लक्ष्य चैटजीपीटी के अनुभव को बेहद सरल बनाना था। कंपनी की योजना एक ऐसे स्मार्ट “मॉडल राउटर” को लाने की थी जो यूज़र के किसी भी सवाल के लिए स्वचालित रूप से सबसे उपयुक्त AI मॉडल का चयन कर सके। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य “मॉडल पिकर” (विभिन्न AI मॉडलों का मेन्यू) की आवश्यकता को समाप्त करना था, जिसकी कंपनी के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने जटिल होने के कारण सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।

हालांकि, उम्मीदों के बावजूद, जीपीटी-5 पूरी तरह से एक एकीकृत समाधान के रूप में सफल नहीं हो सका। यूज़र्स की प्रतिक्रिया और तकनीकी जटिलताओं के कारण, ओपनएआई को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा।

मॉडल पिकर की वापसी और यूज़र्स को मिले नए विकल्प

उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के बाद, सैम ऑल्टमैन ने घोषणा की कि मॉडल पिकर को वापस लाया गया है, लेकिन इस बार इसे ‘ऑटो’ (Auto), ‘फास्ट’ (Fast), और ‘थिंकिंग’ (Thinking) जैसी नई सेटिंग्स के साथ पेश किया गया है। ‘ऑटो’ सेटिंग जीपीटी-5 के राउटर की तरह ही काम करती है, जबकि यूज़र्स अपनी ज़रूरत के अनुसार तेज़ या धीमे मॉडल का सीधे चुनाव भी कर सकते हैं।

जीपीटी-5 के रोलआउट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। जब जीपीटी-4ओ (GPT-4o) जैसे पुराने और लोकप्रिय मॉडलों को अस्थायी रूप से हटाया गया, तो कई यूज़र्स ने इसका विरोध किया। लॉन्च के दिन राउटर के प्रदर्शन से भी कुछ यूज़र्स निराश थे, जिसके बाद सैम ऑल्टमैन को एक रेडिट सेशन में इन चिंताओं पर सफाई देनी पड़ी।

भारत पर ओपनएआई का खास ध्यान: अब रुपये में भुगतान

एक तरफ जहाँ जीपीटी-5 को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर ओपनएआई ने भारतीय बाज़ार पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। कंपनी ने भारत में स्थानीय मूल्य निर्धारण (Local Pricing) का परीक्षण शुरू कर दिया है, जिससे यूज़र्स पहली बार भारतीय रुपये में भुगतान कर सकेंगे। यह एक पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है और भारत अब यूके और यूरोप के कुछ हिस्सों के साथ उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहाँ कंपनी यह सुविधा दे रही है।

यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ओपनएआई के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते यूज़र बेस में से एक है। साथ ही, नया जीपीटी-5 मॉडल 12 भारतीय भाषाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम है, जिससे यह स्थानीय बाजार के लिए और भी प्रासंगिक हो गया है।

भारतीय बाज़ार के लिए नई कीमतें और भविष्य की योजनाएं

इस पायलट प्रोग्राम के तहत, चैटजीपीटी प्लस प्लान की कीमत जीएसटी सहित $₹1,999$ प्रति माह रखी गई है। वहीं, हाई-एंड प्रो प्लान की लागत $₹19,900$ प्रति माह होगी। टीम प्लान का उपयोग करने वाले व्यवसायों को प्रति सीट $₹2,099$ प्रति माह का भुगतान करना होगा। अब तक, भारतीय यूज़र्स को प्लस के लिए $20$ (लगभग ₹1,750) और प्रो के लिए 200 (लगभग $₹17,500$) का भुगतान अमेरिकी डॉलर में करना पड़ता था।

दिलचस्प बात यह है कि स्थानीय मूल्य निर्धारण की यह मांग फरवरी 2025 में सैम ऑल्टमैन की भारत यात्रा के दौरान भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों और डेवलपर्स द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगों में से एक थी। उन्होंने बताया था कि ऊंची लागतें इसके व्यापक उपयोग में एक बाधा थीं। ओपनएआई के इंजीनियरिंग उपाध्यक्ष, श्रीनिवास नारायणन के अनुसार, कंपनी भारतीय डेवलपर्स के लिए अपने टूल्स को और अधिक किफायती बनाने के लिए काम कर रही है, ताकि भारत के प्रतिभाशाली डेवलपर इकोसिस्टम का पूरा लाभ उठाया जा सके।