यस बैंक ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जिससे बाजार में इसकी स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं। बैंक ने इस तिमाही में ₹452 करोड़ का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 123% की उल्लेखनीय बढ़त है। ब्याज आय भी 20% बढ़कर ₹7,447.17 करोड़ तक पहुँच गई, जिससे बैंक के संचालन की मजबूती का संकेत मिलता है।
तिमाही प्रदर्शन और एनपीए की स्थिति
बैंक ने 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में ₹9437.85 करोड़ की ब्याज आय दर्ज की, जो पिछली तिमाही के ₹9416.05 करोड़ से मामूली रूप से ऊपर है। सालाना तुलना करें तो यह आय ₹9099.60 करोड़ से 3.72% अधिक रही। वहीं, टैक्स के बाद बैंक का शुद्ध लाभ ₹744.53 करोड़ रहा।
एनपीए के संदर्भ में, यस बैंक ने ₹3935.61 करोड़ का सकल एनपीए और ₹800.14 करोड़ का शुद्ध एनपीए दर्ज किया है। ये आँकड़े दर्शाते हैं कि बैंक ने अपने जोखिम को सीमित करने की दिशा में कदम उठाए हैं और ऋण पोर्टफोलियो में सुधार की प्रक्रिया जारी रखी है।
शेयर बाजार में प्रदर्शन
यस बैंक के शेयरों ने बीते वर्ष जबरदस्त चढ़ाव देखा है। आँकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में शेयरों की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 85.25% रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर यही रुझान जारी रहा, तो वर्ष 2024 के अंत तक बैंक के शेयर 32 से 35 रुपये तक पहुँच सकते हैं।
वित्तीय नतीजों के जारी होने के बाद शेयर बाजार में उत्साह का माहौल दिखा और कारोबारी सत्र के आरंभ में ही यस बैंक के शेयर 8.98% की उछाल के साथ ₹28.50 तक पहुँच गए।
बैंक की स्थापना और विकास यात्रा
यस बैंक की स्थापना वर्ष 2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में एक आधुनिक और तकनीक-आधारित बैंकिंग प्रणाली को विकसित करना था। राणा कपूर की पूर्व में बैंक ऑफ अमेरिका और ANZ ग्रिंडलैज जैसी संस्थाओं में अनुभव ने बैंक की रणनीति को दिशा दी।
शुरुआती वर्षों में ही यस बैंक ने खुदरा और कॉर्पोरेट ग्राहकों को लक्ष्य बनाकर तेज़ी से विस्तार किया। डिजिटल बैंकिंग की दिशा में अग्रसर होकर इसने ग्राहकों को ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सेवाएँ प्रदान कीं। इसी नवाचार के कारण यस बैंक ने जल्दी ही बाजार में पहचान बनाई।
बैंकिंग सेवाओं की खासियत
यस बैंक की सेवाओं में तेजी और सहजता इसकी पहचान हैं। बैंक व्यक्तिगत ऋण के लिए 10.99% की शुरुआती ब्याज दर पर 40 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराता है। लोन प्रक्रिया तेज है और नियमों के अनुसार पांच कार्यदिवसों में आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है। स्वीकृति के कुछ ही घंटों में राशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
चुनौतियाँ और पुनर्गठन
हालांकि, 2018 में राणा कपूर को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सीईओ पद से हटाए जाने के बाद बैंक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वित्तीय अनियमितताओं और खराब ऋण प्रबंधन के कारण बैंक की स्थिति कमजोर हुई। लेकिन 2020 में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में एक पुनर्गठन योजना के तहत यस बैंक में पुनः निवेश किया गया और इसे स्थिरता की ओर वापस लाया गया।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ
आज यस बैंक भारत का चौथा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है और इसमें भारतीय स्टेट बैंक की 26% हिस्सेदारी है। बैंक न केवल पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं पर ध्यान देता है बल्कि डिजिटल बैंकिंग में भी निवेश कर रहा है। यह निरंतर अपनी वित्तीय स्थिति को मज़बूत करने और संचालन को स्थिर बनाने के प्रयास में लगा है।
यस बैंक की यात्रा नवाचार, चुनौती और पुनर्निर्माण की मिसाल है। यदि इसकी मौजूदा दिशा बनी रहती है, तो निकट भविष्य में यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में और भी बड़ा नाम बन सकता है।