ईरान के साथ तनाव के बीच ट्रंप ने कहा, अमेरिका नहीं चाहता किसी भी देश से युद्ध

Sep 17 2019

ईरान के साथ तनाव के बीच ट्रंप ने कहा, अमेरिका नहीं चाहता किसी भी देश से युद्ध

इंडिया इमोशंस न्यूज वाशिंगटन। ईरान के साथ तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका देश किसी भी देश के साथ युद्ध नहीं चाहता। ट्रंप ने यह बयान अमेरिका द्वारा सऊदी अरब के तेल क्षेत्रों पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ के होने का संकेत देने के बाद दिया है। ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, क्या मैं युद्ध चाहता हूं? मैं किसी से युद्ध नहीं चाहता। ट्रंप ने यह जवाब यह पूछे जाने पर दिया कि क्या वे ईरान के साथ युद्ध चाहते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या ईरान (सऊदी अरब पर) हमलों के पीछे था, ट्रंप ने कहा, इस समय यह इसी तरह से प्रतीत हो रहा है। ट्रंप ने यह बयान अपने विदेश मंत्री माइक पोंपियो के बयान से थोड़ा दूरी सा बनाते हुए दिया। पोंपियो ने 14 सितंबर को कहा था कि सऊदी अरब पर हमले के पीछे तेहरान का करीब-करीब 100 फीसदी हाथ है।

ट्रंप ने कहा, हमें पक्के तौर पर जानना होगा कि किसने इसे किया। हमें सऊदी अरब से बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि पोंपियो व अन्य लोग इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसी समय सऊदी अरब जाएंगे। ईरान ने अमेरिकी आरोपों को निराधार व झूठा बताकर उसे खारिज किया है। 14 सितंबर को हुए हमलों को मानवरहित विमान ने अंजाम दिया। इसने सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल क्षेत्र-हिजरा खुरैस व कच्चा तेल फैसिलिटी अबकीक को नुकसान पहुंचाया।

खामनेई ने कहा, अमेरिका से कोई वार्ता नहीं
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने मंगलवार को कहा कि ईरान, अमेरिका के साथ किसी भी स्तर पर बातचीत नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका का इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ अधिकतम दबाव बनाने का अभियान अपने लक्ष्य को पाने में विफल रहा है। खामनेई की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा यह संकेत देने के बाद आई है कि ईरान ने सऊदी अरब के दो तेल क्षेत्रों पर 14 सितंबर के हमलों को अंजाम दिया था।

प्रेस टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया से बातचीत में सर्वोच्च धर्मगुरु खामनेई ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में अमेरिका के साथ बातचीत शुरू करना वाशिंगटन के अनुचित दबाव अभियान के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। उन्होंने कहा, बातचीत का मतलब अमेरिका द्वारा अपनी मांग को तेहरान पर थोपना होगा। यह अमेरिका के अधिकतम दबाव अभियान की जीत की अभिव्यक्ति होगी।

उन्होंने कहा, यही कारण है कि ईरानी अधिकारियों ने सर्वसम्मति से अमेरिका के साथ किसी भी वार्ता को लेकर आपत्ति जताई है। इसमें राष्ट्रपति व विदेश मंत्री व अन्य शामिल हैं। खामनेई ने कहा कि अगर अमेरिका 2015 के परमाणु समझौते पर लौटता है, सिर्फ तभी ईरान से वार्ता संभव है। इस समझौते से अमेरिका बीते साल अलग हो गया था।