केजीएमयू में विश्व अस्थमा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इस बीमारी से बचने के उपाय बताए

May 06 2022

केजीएमयू में विश्व अस्थमा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इस बीमारी से बचने के उपाय बताए

लखनऊ। केजीएमयू में चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकांत ने बताया,कि धूम्रपान व प्रदूषण के साथ फास्ट फूड भी लोगों को बीमार बना रहा है। इन प्रदूषण से फेफड़ों की बीमारियां फैल रही है, जिससे अस्थमा सबसे प्रमुख बीमारी है। सांस फूले, पसली चले या फिर बार-बार सर्दी जुकाम व खांसी होने से सावधान होने की जरूरत है। अस्थमा के लक्षण होने पर डाक्टर से सलाह लें। तभी कोई दवा लें।
किंग जॉर्ज मेेडिकल यूनिवर्सिटी में गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से विश्व अस्थमा दिवस पर एक शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिकेजीएमयू में विश्व अस्थमा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इस बीमारी से उपाय बताए सिन विभाग के एचओडी डॉ. सूर्यकांत ने कहा,कि अस्थमा के मरीज खुद से इनहेलर का प्रयोग न करें। इनहेलर के प्रयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। इस अवसर पर मौजूद डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि अस्थमा की समस्या में इनहेलर सबसे अधिक कारगर होता है। इसके द्वारा दवा सीधे फेफड़े तक पहुंच जाती है और संक्रमण खत्म होता है। जबकि खाने वाली दवा आहार नली से होती हुई जाती है,जिससे उसका असर कम हो जाता है। अस्थमा के रोगियों को प्रदूषण, धुएं व धूम्रपान से दूर रहना चाहिए,क्योंकि इससे सांस फूलने लगती है। अस्थमा से बचने के लिए खाने में हरी सब्जियों व मौसमी फलों का सेवन करें। इस कार्यक्रम में मौजूद आईएमए के अध्यक्ष डॉ. मनीष टंडन व सचिव डॉ. संजय सक्सेना ने बताया कि शिविर में 55 मरीजों की सेहत की जांच हुई। मरीजों को फ्री में मेडिसिन वितरित की गयीं।