लोहिया संस्थान की सेवाएं पटरी पर नहीं, गंभीर मरीजों को इलाज के बजाय दौड़ाया जा रहा है
लखनऊ। डॉ राममनोहर लोहिया संस्थान में इमरजेंसी सेवाएं अभी भी पटरी पर नहीं आ पा रही है। संस्थान में आने वाले मरीजों को इलाज की बजाए रेफरल लेटर बनाकर दौड़ाया जा रहा है। हाल यह है,कि संस्थान के अस्पताल ब्लॉक के वार्डों में ताला लटका है। इमरजेंसी में बेड खाली न होने की बात कहकर डॉक्टर मरीजों को वापस लौटा रहे हैं। इससे खुद जान सकते हैं,कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थान की हालत क्या है?
लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में मरीजों के लिए 466 बेड की क्षमता है। यहां मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आर्थोपैडिक समेत अन्य विभाग हैं। हॉस्पिटल ब्लॉक में महज 100 मरीज ही भर्ती होंगे। बाकी खाली वार्डों पर ताला जड़ा रहता है। मेडिसिन विभाग के बाहर जंजीर लगाकर ताला डाल दिया गया है। संस्थान में यही स्थिति अन्य विभागों की है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गुरुवार सुबह मऊ जिले से आये मरीज के परिजन ने बताया,कि 65 वर्षीय शकीला खांतून को गंभीर स्थिति में लोहिया में लाया गया, मरीज को सांस लेने में काफी तकलीफ थी। डॉक्टरों ने मरीज को बेड खाली न होने का हवाला देकर केजीएमयू रेफर कर दिया। बेटा लियाकत अली का आरोप है,कि दो से तीन घंटे बीतने के बाद डॉक्टर ने रेफरल लेटर बनाकर केजीएमयू भेज दिया गया, जबकि ट्रॉमा इमरजेंसी में मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। यह करतूत लोहिया संस्थान की है।
लखनऊ। कृष्णानगर स्थित निजी अस्पताल का बड़ा कारनामा सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल में वेंटिलेटर में भर्ती हुए एक मरीज के तीमारदार से डेढ़ दिन में एक लाख रुपये से अधिक का शुल्क वसूला गया। तीमारदारों ने इलाज में असमर्थता जताई तो डिस्चार्ज कर दिया गया। तीमारदार ने निजी अस्पताल पर अधिक शुल्क वसूलने का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज कराई है।
कानपुर के वीरेंद्र कुमार (65) बीती दो मई को एक रिश्तेदार के यहां वैवाहिक समारोह में शामिल होने लखनऊ आए थे। तीन मई की सुबह अचानक उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया। परिजन उन्हें पहले कृष्णानगर स्थित लखनऊ हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर मरीज को वेंटिलेटर पर रख दिया। आरोप है कि जांच व इलाज के नाम पर एक लाख रुपये से ज्यादा का बिल ले लिया गया। परिजनों ने इलाज में असमर्थता जताई तो मरी को डिस्चार्ज कर दिया। परिजनों ने मरीज को कानपुर के हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया है। बेटे रामेंद्र का आरोप है कि निजी अस्पताल ने वेंटिलेटर, जांच व इलाज के नाम पर एक लाख का बिल वसूला। सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, तीमारदार की शिकायत पर गहनता से जांच कराई जाएगी।