फार्मासिस्ट की पढ़ाई कर चुके छात्रों को बिना पंजीकरण के नहीं मिलेगी नौकरी

Apr 26 2022

फार्मासिस्ट की पढ़ाई कर चुके छात्रों को बिना पंजीकरण के नहीं मिलेगी नौकरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्टों के पंजीकरण का इंतजाम खत्म कर दिया जायेगा। इस कार्य के लिए। बाहर से एजेंसी को काम सौंपा जाएगा। स्वाथ्य विभाग इसके लिए तैयारियों में लगा है। अभी तक अभ्यर्थियों के पंजीकरण में तीन से पांच महीने का वक्त लग रहा है। प्रदेश भर से छात्रों को पंजीकरण के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग इस लिए यह काम एजेंसियों को सौंपने जा रहा है।
इंदिरानगर लेखराज बिल्डिंग में यूपी फार्मेसी काउंसिल का कार्यालय है। इसमें प्रदेश भर से फार्मेसी की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों का पंजीकरण होता है। अभ्यर्थियों का पहले पंजीकरण आफ लाइन होता था अब आनलाइन किया जा रहा है। जिस कॉलेज से आवेदक ने पढ़ाई की। वहां उसके दस्तावेजों की जांच होती है। इसके बाद फार्मासिस्ट का पंजीकरण हो पाता है। इस दौरान बिना पंजीकरण फार्मासिस्ट न तो कहीं भर्ती में शामिल हो पाता है न ही प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी कर पाता है।
पंजीकरण में तीन से पांच माह तक का वक्त लगा रहा है। ऑनलाइन आवेदन के बाद पंजीकरण में देरी होती है। परेशान अभ्यर्थी काउंसिल में भटकते हैं। वहां सुनवाई नहीं होती है। हालात यह है कि अभ्यर्थियों को सही जानकारी तक कोई नहीं देता है। पंजीकरण को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। शिकायतें हो रही हैं। इसके बावजूद व्यवस्था में कोई भी सुधार नहीं हो रहा है।
फारस्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक काउंसिल में सीमित कर्मचारी है। कर्मचारियों की संख्या में तुरंत वृद्धि संभव नहीं है। पंजीकरण व दस्तावेजों की लगातार जांच कराई जा रही है। रोजाना करीब डेढ़ सौ दस्तावेजों की जांच हो रही है। इस संख्या को और बढ़ा पाना संभव नहीं है। लिहाजा बाहरी एजेंसी को काम सौंपने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यह काम अस्थाई रूप से सौंपा जाएगा। एजेंसी को सिर्फ छह महीने के लिए काम दिया जाएगा, जिसमें वह विभाग की जितनी भी पेंडेंसी है उसे निपटवाने में विभाग की मदद करे। छह महीने के बाद जब पेंडेंसी खत्म हो जाएगी और विभाग की क्षमता के मुताबिक आवेदन आएंगे तो एजेंसी का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा। फिर विभाग के कर्मचारी ही अभी की तरह काम करेंगे।