ट्रामा सेन्टर में इलाज के अभाव से मरीज ने एंबुलेंस में तोड़ा दम

Apr 09 2022

ट्रामा सेन्टर में इलाज के अभाव से मरीज ने एंबुलेंस में तोड़ा दम

India Emotions, लखनऊ। यूपी सरकार के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू की बदहाल व्यवस्था देखकर हाल में ही नाराजगी जताई और व्यवस्था में सुधार लाने के आदेश दिए थे, लेकिन केजीएमयू प्रशासन को उपमुख्यमंत्री की नाराजगी का कोई फर्क नही नही पड़ा। बदइंतजामी की कीमत सिद्धार्थनगर की महिला को जान गंवाकर चुकानी पड़ी। महिला मरीज तीन घंटे तक एम्बुलेंस में छटपटाती रही। परेशान भाई बहन की जान बचाने के लिए इधर उधर दौड़ता रहा। लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिर में महिला इलाज के अभाव से एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दी।

मिली जानकारी के मुताबिक सिद्धार्थनगर निवासी रीमा को रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था और रीढ़ की हड्डी में टीबी भी थी। परिजनों ने स्थानीय कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ। बीते सोमवार को महिला की तबीयत काफी बिगड़ गई।

परिजनों ने उसको एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां भी इलाज के बाद तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। परेशान परिजन शुक्रवार को मरीज को लेकर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में पहुंचे। करीब 10 बजे से परिजन मरीज भर्ती कराने की जद्दोजहद में लगे रहे। लेकिन भर्ती नहीं करा पाए। भाई राम किशन का आरोप है कि काफी देर लाइन में लगने के बाद पर्चा बना। फिर डॉक्टरों ने मरीज को एम्बुलेंस से उतारकर लाने को कहा।

भाई का आरोप है कि स्ट्रेचर व व्हीलचेयर के लिए घंटों भटकते रहे। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में एक जगह स्ट्रेचर लेने के लिए आधार कार्ड जमा किए जा रहे थे। मैंने भी आधार कार्ड व पैसे जमा कर दिया। दूसरी कार्रवाई भी पूरी की गई। आठ से 10 लोग स्ट्रेचर के लिए कतार में थे।

घंटों स्ट्रेचर भी नहीं मिल सका। आखिर में एम्बुलेंस में ही दर्द से तड़पती रीमा ने दम तोड़ दिया। मृतका रोते हुए भाई ने बताया कि अगर समय पर स्ट्रेचर व इलाज मिल जाता तो बहन की जान बचाई जा सकती थी।