पीजीआई में डेढ़ कुंतल वजन हृदय रोगी मरीज की डॉक्टरों ने जान बचाई

Apr 09 2022

पीजीआई में डेढ़ कुंतल वजन हृदय रोगी मरीज की डॉक्टरों ने जान बचाई

India Emotions, लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (पीजीआई) के डॉक्टरों ने एक ऐसे दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज की जान बचाई। मरीज का करीब डेढ़ कुंतल वजन है और वह हृदय रोग से ग्रसित था। जिसकी जान बचाने में डॉक्टरों ने कामयाबी हासिल की है। मरीज का हार्ट ब्लॉक था और वजन ज्यादा होने से पेसमेकर लगाना बेहद कठिन और जोखिम भरा था। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे में विशेष सुई के जरिए गले की नस में सुराख कर पेसमेकर लगाया गया। सर्जरी के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वास्थ्य है।

मिली जानकारी के मुताबित पांच दिन पूर्व एक 61 वर्षीय मरीज को सांस लेने में तकलीफ हुई। जिसका वजन करीब 150 किलोग्राम है। मरीज को परिजन लेकर सीधे पीजीआई की इमरजेंसी में पहुंचे। डॉक्टरों ने दिल की बीमारी की आशंका जताते हुए जांच कराई,तो हृदय ब्लॉक मिला। पल्स रेट भी काफी कम था। डॉक्टरों ने पेसमेकर प्रत्यारोपण की सलाह दी। वजन के चलते ये बेहद जोखिम भरा था, लेकिन डॉक्टरों के आश्वासन पर परिजन राजी हो गए।

पीजीआई कार्डियोलॉजी विभाग की डॉ. रूपाली खन्ना ने बताया कि मोटे मरीजों में ऑपरेशन की अलग चुनौतियां हैं। मोटापे और वसा ऊतक के कारण गर्दन में नस पंक्चर करना कठिन होता है। इस सुराख से पेसमेकर डालने की जरूरत होती है। अक्सर पंक्चर करने के लिए पांच सेमी लंबी सुई प्रयोग होती है। मगर मरीज का वजन अधिक होने से विशेष तौर पर एक बड़ी सुई उपयोग की गई।

वहीं कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि ये तकनीकें ऐसे रोगियों के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने में मददगार है। कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि दुनिया भर में इतने वजन के मरीजों में पेसमेकर लगाने के बेहद कम मामले हैं। सफल प्रक्रिया के बाद रोगी चलने में भी सक्षम है। मरीज को दो दिनों के भीतर उसे छुट्टी दे दी गई है।