समाज सेविका ने फिर एक निजी अस्पताल के दलाल का वीडियो ट्रवीट किया

Mar 31 2022

समाज सेविका ने फिर एक निजी अस्पताल के दलाल का वीडियो ट्रवीट किया
दलाल ने पुलिस की पूछताछ में अस्पताल संचालक का नाम वीडियो में कुबूला

India Emotions, लखनऊ। समाज सेविका ने बुधवार को एक निजी अस्पताल के दलाल का वीडियो फिर ट्रवीट किया है। इसके पहले मंगलवार को समाज सेविका ने मरीज से ज्यादा पैसा वसूलने के मामले में स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री बृजेश पाठक को ट्वीट किया था। मंत्री जी ने ट्वीट को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ को निर्देश दिए थे,कि मामले का तुरंत निस्तारण कराएं। अवैध रुप से लिए गए पैसों को अस्पताल मालिक ने मरीज के परिजन को लौटाए थे। अब देखना यह जो दलाल का वीडियो ट्वीट किया गया है,उस पर कार्रवाई क्या होगी।

बता दें, बुधवार को समाज सेविका ममता त्रिपाठी ने पकड़े गए निजी अस्पताल के दलाल का वीडियो ट्वीट किया है। बीते गुरुवार रात केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में दबोचे गए दलाल ने पुलिस की पूछताछ में जिस अस्पताल संचालक का नाम वीडियो में कुबूला था।

वह निजी अस्पताल संचालक सोशल मीडिया पर खुद को केजीएमयू से एमबीबीएस करने का दावा कर रहा था। मामले का खुलासा होने पर पोस्ट को हटाने बाद अब नया कारनामा शुरू किया है। केजीएमयू समेत अफसरों पर दबाव बनाने के लिए एक वीवीआईपी संग फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की है।

केजीएमयू प्रशासन ने वीवीआईपी की छवि धूमिल करने वाले अस्पताल संचालक पर शिकंजा कसने के लिए सभी साक्ष्य जुटाकर जल्द ही वीवीआईपी से मिलकर मुहैया कराएगा। अस्पताल संचालक जरिए केजीएमयू से एमबीबीएस किए जाने के सभी साक्ष्य जुटाए हैं।

केजीएमयू प्रशासन का कहना है मामले की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्ट्या सोशल मीडिया पर संचालक जरिए अपलोड की गई जानकारी पूरी तरह से गलत हैं। अस्पताल संचालक जरिए किए गए खेल का खुलासा होने पर उसने सोशल मीडिया से केजीएमयू की पोस्ट हटा दी। इसके बाद अफसरों पर दबाव बनाने के लिए एक वीवीआईपी संग फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू किया है। इसे लेकर केजीएमयू प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

केजीएमयू प्रशासन का कहना है सभी साक्ष्य जुटाकर जल्द ही वीवीआईपी से मिलकर मामले से अवगत कराया जाएगा ताकि अस्पताल पर कार्रवाई हो सके। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, वीवीआईपी से मिलकर जल्द ही सुबूत दिए जाएंगे ताकि वीवीआईपी की छवि खराब न हो। निजी अस्पताल पर शिकंजा कसा जा सके।