बेटे को चुनाव लड़ाना भाजपा एमलएसी को पड़ा भारी, पार्टी से निष्कासित
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मऊ स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपने बेटे विक्रांत सिंह रिशू को निर्दलीय चुनाव में उतारना भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह को भारी पड़ गया। चुनाव लड़ाने व प्रचार प्रसार करने की शिकायत पर उन्हे छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
सोमवार को भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें यशवंत सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें छह साल के पार्टी से निष्कासित कर दिया। विधानसभा चुनाव के बाद पूर्वांचल में भाजपा की ओर से यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
आजमगढ़- मऊ स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी फूलपुर-पवई के पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव हैं। उनके विरोध में सपा ने निवर्तमान एमएलसी राकेश कुमार यादव को मैदान में उतारा है।
वहीं भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशु ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। पहले लग रहा था कि विक्रांत पर्चा वापस ले लेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मामले में यशवंत सिंह के ऊपर काफी दिनों से कार्रवाई का अंदेशा लगाया जा रहा था।
यशवंत सिंह सपा के तरफ से पिछले लगभग 20 वर्षों से विधान परिषद सदस्य रहे हैं। योगी आदत्यिनाथ के वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होने अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भाजपा ने विधान परिषद सदस्य बनाया था।
आजमगढ़ भाजपा एमलएसी पद के प्रत्याशी अरुणकांत यादव सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे हैं। 9 अप्रैल को यूपी विधान परिषद की 36 सीटों के लिए मतदान होना है। हालांकि इसमें से भाजपा कई सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली है।