क्या सन हॉस्पिटल को बचाने में लगा है स्वास्थ्य विभाग ?

Mar 12 2022

क्या सन हॉस्पिटल को बचाने में लगा है स्वास्थ्य विभाग ?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जांच टीम के अलग-अलग बयान

India Emotions, लखनऊ। सन हॉस्पिटल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने के बजाय मामले को नियमों का हवाला देकर उलझाने में लगा है। सीएमओ जांच टीम के एक सदस्य का कुछ और कहना है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान अलग हैं। जबकि विभूतिखंड थाने में सन हॉस्पिटल के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच रिपोर्ट पुलिस ने कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ विभाग को डेढ़ सप्ताह से ज्यादा दिन पहले भेज दी थी। लेकिन स्वास्थ विभाग की टीम पुलिस की जांच रिपोर्ट पर कोई तवज्जों नहीं दे रही है। जांच टीम और सीएमओ के बयानों बड़ा अंतर दिख रहा है।

बता दें,कि बीते दिनों लोहिया अस्पताल के गेट से दलाल बेहतर इलाज का झांसा देकर सुल्तानपुर निवासी एक मरीज को सन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। आरोप है,कि तीन दिन में इलाज के नाम पर साढ़े तीन लाख रूपये वशूल लिए। फिरभी मरीज की हालत गंभीर बनी हुई थी। तीन दिन बाद मरीज का एक परिजन सन हॉस्पिटल पहुंचा और इलाज में आये खर्चे का बिल हॉस्पिटल के मालिक अखिलेश पांडेय से मांगे। लेकिन मालिक बिल देने से इंकार कर दिया था। इसको लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि मालिक ने अपनी केविन में परिजन को बंधक बना लिया और अस्पताल के गुंडों को बुलाकर जमकर पिटाई करा दी थी।
पीड़ित परिजन किसी तरह से उनके चुंगुल से छूट कर विभूतिखंड थाने पहुंचा और हॉस्पिटल मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने बताया,कि सन हॉस्पिटल में मरीजों से मारपीट और लेन-देन की शिकायतें अक्सर आती रहती है। इस कारण से पुलिस भी परेशान रहती है। हिम्मत जुटा कर सुल्तानपुर के एक मरीज के परिजन की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसकी जांच रिपोर्ट कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ विभाग को सौंप दी गई है। फिरभी अस्पताल का संचालन जारी है।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.मनोज अग्रवाल का कहना है,कि सन हॉस्पिटल में विवाद होने के बाद से मरीज का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा था। वहां उसकी मौत हो गई है। परिजन शव को लेकर अपने गांव चले गए थे। जब वापस लौट कर आयेंगे और बयानों के साथ साक्ष्य देने पर कार्रवाई होगी। वहीं जांच टीम के डिप्टी सीएमओ डॉ.एपी सिंह का कहना है,कि लगता है निजी अस्पताल के मालिक से मरीज के परिजनों ने आपस में शुलह कर लिये हैं। बार-बार बुलाने पर भी बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे हैं।