अपराध पर नियंत्रण के लिये एनसीआरबी के आंकड़ों सही तरीके से विश्लेषण करें राज्य: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Mar 12 2022

अपराध पर नियंत्रण के लिये एनसीआरबी के आंकड़ों सही तरीके से विश्लेषण करें राज्य: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नयी दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों की पुलिस से कहा कि वे अपराध पर लगाम लगाने की अपनी वार्षिक रणनीति तैयार करने से पहले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का सही तरीके से विश्लेषण करें। शाह ने साथ ही कहा कि सभी केंद्रीय एजेंसियों को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से जुड़ना चाहिये।

गृह मंत्री ने यहां एनसीआरबी के 37वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि गृह सचिव को इस संबंध में सभी केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठक करनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि अगर एनसीआरबी का आंकड़ा सही फॉर्मेट में सही समय पर सभी राज्यों को उपलब्ध कराया जाता है और सभी राज्य इन आंकड़ों के विश्लेषण के लिये एक प्रणाली विकसित करते हैं तो देश में अपराध की दर काफी तेजी से घटेगी।

उन्होंने कहा कि एनसीआरबी का आंकड़ाा सभी राज्यों के पुलिस मुख्यालयों, जिला पुलिस अधिकारियों और थानों के साथ साझा किया जाना चाहिये। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि आंकड़ों के विश्लेषण को सिर्फ शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं रखना चाहिये बल्कि देश के हर पुलिस थाने में इसे पहुंचाया जाना चाहिये, नहीं तो इसका कोई लाभ नहीं होगा।

गृह मंत्री ने कहा कि सिर्फ आंकड़े ही इच्छित परिणाम नहीं देते हैं बल्कि इसे समझना और जागरुकता भी इसे पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिये जरूरी है। इसके लिये एनसीआरबी के निदेशक को राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक करनी चाहिये और उन्हें अपराध के आंकड़ों के विश्लेषण से रुबरु कराना चाहिये। उन्हें यह बताना चाहिये कि किसत तरह इन आंकड़ों का इस्तेमाल अपराध की जांच उसकी रोकथाम के लिये किया जा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों की पुलिस को सिर्फ अपराध दंड संहिता की धाराओं को नहीं देखना चाहिये बल्कि उसके सामाजिक पहलू को भी देखना चाहिये। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि सूखा ग्रस्त इलाकों में अपराध क्यों अधिक है या किसान विवादों में क्यों लगे हैं, जिससे वे जख्मी होते हैं या कभी -कभी मौत भी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि अपराध पर लगाम लगाने का कोई हल तब तक नहीं मिल सकता, जब तक हम एनसीआरबी के आंकड़े को आईपीसी की धाराओं के नजरिये से देखते रहेंगे।

--आईएएनएसजा रहा है कि पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम का असर बिहार की राजनीति पर भी पड़ना तय है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) के रिश्ते पुराने जैसे नहीं देखे जा रहे हैं। अक्सर दोनों सहयोगी दल के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलकर एक-दूसरे से बेहतर साबित करने में जुटे हैं। ऐसी स्थिति में दोनों दलों के बीच पहले जैसी गर्मजोशी नहीं दिख रही है।

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के आने के बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा में योगी और मोदी मॉडल तथा नीतीश मॉडल को लेकर दोनों दल के नेता बयान देते नजर आए।

बिहार भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि यूपी की तरह बिहार में भी विकास व कानून-व्यवस्था के योगी आदित्यनाथ मॉडल को लागू करने की मांग रख दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह जनता यूपी में योगी और मोदी को पसंद किया है उससे यह तय है कि बिहार में भी योगी और मोदी मॉडल की जरूरत है।

इधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास का मॉडल लागू है और यही चलेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश मॉडल की तारीफ देशभर में है।

बिहार सरकार में भाजपा के साथ शामिल जदयू और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) यूपी चुनाव भी लड़ने पहुंचे थे। दोनों दलों को हालांकि वहां की जनता ने नकार दी। नीतीश कुमार तो प्रचार के लिए नहीं गए थे, लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत अन्य कई बड़े नेताओं ने कमान संभाली थी। जदयू ने 26 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। इसी तरह वीआईपी भी 50 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए।

वैसे, वीआईपी के प्रमुख और बिहार के मंत्री ने जिस तरह यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला था, उससे यहां के नेता नाखुश हैं। भाजपा के नेता अब उनके इस्तीफे की मांग तक कर रहे हैं। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर कहते हैं कि मुकेश सहनी खुद बिहार में विधानसभा चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि 'रिजेक्टेड' वीआईपी को भाजपा ने 'प्रोजेक्टेड' किया। उन्होंने कहा कि यूपी में उन्हें जनता ने फिर से नकार दिया।

भाजपा और जदयू के बडे नेता हालांकि बिहार राजग में किसी प्रकार के प्रभाव को नकारते हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भी कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार में कोई असर नहीं होगा, यहां एनडीए एकजुट है और सरकार चल रही है।

बहरहाल, इतना तय है कि यूपी चुनाव का हाल के दिनों में भले ही असर बिहार की सियासत में नहीं दिखे लेकिन आने वाले दिनों में परिणाम का प्रभाव जरूर दिखेगा, तब तक इंतजार करना होगा।

--आईएएनएस