अब टीबी बीमारी के उपचार के लिए समझायेंगे बाबा और धर्म गुरु

Mar 03 2022

अब टीबी बीमारी के उपचार के लिए समझायेंगे बाबा और धर्म गुरु
स्वास्थ विभाग समझाने क्या नाकाम?

India Emotions, लखनऊ। अंज्ञान का शिकार हुआ देश अब भी विज्ञान पर भरोसा न करके बाबाओं धर्म गुरुओं के विचार पर टीबी जैसी बीमारी पर विचार-विमर्श करने में लगा है।टीबी के खात्मे के लिए अब धर्मगुरुओं ने भी पहल की है। बुधवार को जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से धर्मगुरु सम्मेलन हुआ। इसमें सबने साथ मिलकर टीबी के खात्मे का संकल्प लिया।सम्मेलन की अध्यक्षता जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कैलाश बाबू ने किया। डॉ. कैलाश बाबू ने कहा कि टीबी के खात्मे में धर्मगुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। क्योंकि लोग धर्मगुरुओं का अनुसारण करते हैं। उनकी बातों को आसानी से लोग मनाते हैं। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाना है।

लखनऊ में 24 से 26 हजार टीबी के मरीज प्रतिवर्ष मिलते हैं। जानकारी के अभाव और गलतफहमी की वजह से बड़ी संख्या में लोग देर से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। नतीजतन मरीज दूसरों को टीबी का संक्रमण फैला देता है। वहीं समय पर इलाज न मिलने से मर्ज भी गंभीर हो जाता है। डॉ.कैलाश बाबू ने
धर्मगुरुओं से अपने समुदाय के लोगों से वार्ता करने की अपील की। टीबी के बारे में जागरुक करने के लिए भी कहा। धर्मगुरु लोगों को बताएं कि टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। बार-बार बुखार, वजन में कमी, खांसी के साथ खून आने पर संजीदा हो जाएं। टीबी का इलाज फ्री है। इलाज के दौरान पोषण के लिए मरीज के बैंक खाते में हर महीने 500 रुपये भेजे जाते हैं। इस मौके पर मौलाना मिर्जा वाहिद हुसैन, मौलाना जमाल काजिम, फादर अभिषेक सहाय, गुरु ज्ञाना लोका, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के पब्लिक प्राइवेट मैनेजर समन्वयक रामजी वर्मा, लोकेश वर्मा, सौमित्र उपस्थित रहे। अब सवाल उठता है,कि स्वास्थ विभाग आम जनता को इस बीमारी को समझाने नाकाम हो गई। इस लिए बाबाओं और धर्म गुरुओं को लोगों को समझाना पड़ रहा है।