चंद्रयान-2 भारत के लिए बड़ा कदम, यह मिशन उन्हें बहुत आगे ले जाएगा : अमेरिका
इंडिया इमोशंस न्यूज वाशिंगटन. अमेरिका में दक्षिण और मध्य एशिया की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने शनिवार को इसरो को चंद्रयान-2 मिशन के लिए बधाई देेते हुए कहा कि भारत का इस तरह का मिशन एक बड़ा कदम है। अमेरिकी राजदूत ने ट्वीट किया, “हम चंद्रयान-2 के इस ऐतिहासिक प्रयास के लिए बधाई देते हैं। यह मिशन भारत को बहुत आगे तक ले जाएगा और वैज्ञानिक आंकड़ों को जुटाने का प्रयास भविष्य में भी जारी रखेगा। हमें उम्मीद है कि भारत अपनी अंतरिक्ष आकांक्षाओं को जरूर हासिल करेगा।”
नासा ने शनिवार को ट्वीट कर चंद्रयान 2 की सराहना की थी। उसने ट्वीट किया, “अंतरिक्ष कठिन है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 को उतारने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें प्रेरित किया है और भविष्य में हम सौर मंडल का पता लगाने के लिए साथ काम करेंगे।”
Space is hard. We commend @ISRO’s attempt to land their #Chandrayaan2 mission on the Moon’s South Pole. You have inspired us with your journey and look forward to future opportunities to explore our solar system together. https://t.co/pKzzo9FDLL
— NASA (@NASA) September 7, 2019
वहीं, विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क टूटने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने वैज्ञानिकों के इस प्रयास की जमकर सराहना की। एक यूजर ने लिखा, “पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी 384400 किमी है लेकिन कल रात भारत और चांद की दूरी महज 2.1 किमी रह गई थी। भारतीय होने पर हमें गर्व है। इसरो को बहुत सारा प्यार।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “हमारे जैसे आम आदमी वैज्ञानिक प्रयोगों से जुड़ा हुआ महसूस करने लगे। तकनीकी खामियों के कारण जब चंद्रयान मिशन संघर्ष करने लगा। इसके बाद वैज्ञानिकों को भावुक देखकर हमारी आंखे भी नम हो गईं।”
दुनियाभर में तारीफ : इसरो के वैज्ञानिकों की दुनियाभर में जमकर तारीफ हो रही है, क्योंकि विमान से 10 गुना तेज यान की सॉफ्ट लैंडिंग कभी आसान नहीं रही। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर वॉशिंगटन पोस्ट और ब्रिटिश अखबार बीबीसी से लेकर द गार्जियन तक सभी ने चंद्रयान-2 को प्रमुखता से स्थान दिया और इसे अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन बताया।
ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम 2 सितंबर को अलग हुआ था : इसरो प्रमुख ने शनिवार देर रात को घोषणा की थी कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से 2.1 किमी पहले विक्रम लैंडर से हमारा संपर्क टूट गया है। इससे पहले, विक्रम ने 2 सितंबर को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से अलग हुआ था। यह ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में लगातार चक्कर लगाएगा। इस मिशन को पिछले 22 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।