एक्सीडेंट में घायल युवक को सरकारी अस्पतालों में नहीं मिला इलाज, एंबुलेंस में मौत

Mar 01 2022

एक्सीडेंट में घायल युवक को सरकारी अस्पतालों में नहीं मिला इलाज, एंबुलेंस में मौत

India Emotions, लखनऊ। राजधानी में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था एक दम चरमरा सी गई है। आये दिन गंभीर मरीजों को इससे जूझना पड़ रहा है। कहीं तो सरकारी संस्थान-अस्पतालों के गेटों पर खड़े दलाल मरीजों को बहका कर निजी अस्पताल में भर्ती करा देते हैं। वहां पर मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल ली जाती है। कहीं पर गंभीर मरीज एक दुसरे सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटते रहे हैं और इलाज नही मिल पाता है।

ताजा एक मामला सोमवार को प्रकाश में आया है। एक युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची सरकारी एंबुलेंस मरीजों को लोहिया से केजीएमयू और बलरामपुर के चक्कर लगाती रही। आखिर में एंबुलेंस में मौत हो गई। इससे साबित होता है,कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है।


मिली जानकारी के मुताबिक लखीमपुर निवासी टन्ने (30) सोमवार सुबह बाइक से शहीद पथ मार्ग पर जा रहा था। इस दौरान किसी अज्ञात वाहन ने ठोकर मर दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को सूचना देने साथ उसे लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भर्ती कराया। वहां पर डॉक्टरों ने मरीज को प्राथमिक इलाज मुहैया कराकर सरकारी एंबुलेंस से केजीएमयू रेफर कर दिया।

लोहिया से करीब 11 बजे मरीज ट्रॉमा सेंटर पहुंचा। डॉक्टरों ने उसे कैजुल्टी में काफी देर तक लिटाए रखा। मरीज की हालत नाजुक देख उसे वेंटीलेटर की जरूरत बताते हुए बलरामपुर अस्पताल भेजा। एक बजे एंबुलेेंस मरीज को लेकर इमरजेंसी पहुंची। मरीज एंबुबैग में ही था। इमरजेंसी में वेंटीलेटर की सुविधा न होने का हवाला देकर स्टॉफ ने उसे दोबारा लोहिया संस्थान को भेज दिया।

लोहिया संस्थान दो बजे एंबुलेंस मरीज को लेकर पहुंची। वहां करीब आधे घंटे तक मरीज एंबुलेंस में पड़ा तड़पता रहा। आखिर में मरीज ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। मरीज की सांसे थमती देख परिजन उसे वापिस लखीमपुर लेकर लौट गए। पत्नी क्रांति ने रोते हुए आरोप है कि लखनऊ में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था काफी खराब है।

मैं घायल पति को एंबुलेंस में लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाती रही पर बेड नहीं मिला। आखिर में पति की तड़प-तड़प कर एंबुलेंस में जान चली गई।