डॉ.एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज पर पुलिस ने कसा शिकंजा,दस्तावेज के हासिल करने लिए चस्पा किया पर्चा

Feb 11 2022

डॉ.एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज पर पुलिस ने कसा शिकंजा,दस्तावेज के हासिल करने लिए चस्पा किया पर्चा

लखनऊ। डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमसीआई की मान्यता के मानक पूरे करने के लिए बीते सोमवार को इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे स्थित लेवर अड्डे से बहला-फुसलाकर लाए गए करीब 250 मजदूरों को फर्जी मरीज बना कर भर्ती करने के मामले में पुलिस-प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। पुलिस ने गुरुवार को मेडिकल कॉलेज परिसर की तलाशी के लिए कोर्ट से सर्च वारंट मांगा है। इसके अलावा गुरुवार को विवेचना अधिकारी पुलिस टीम के साथ मेडिकल कॉलेज गए थे और मामले से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया है।


विभागों से किया जा रहा संपर्क

डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। कॉलेज की कारगुजारियों के संबंध में इन विभागों से समन्वय स्थापित कर छानबीन की जा रही है। मामले में संलिप्त पाए गए कॉलेज के मैनेजमेंट बोर्ड के लोगों व अन्य स्टाफ को चिह्नित किया जा रहा है। विवेचना में इन सभी को आरोपी बनाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हास्पिटल छोड़ भागे मरीज


डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज स्थित आरआर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती मरीज बृहस्पतिवार को मजबूरन अस्पताल छोड़कर जाने को विवश हो गए।दरअसल कॉलेज प्रबंधन पर पुलिस का शिकंजा कसने के चलते बुधवार से ही डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। सूत्रों की माने तो इसके चलते बृहस्पतिवार को अस्पताल में भर्ती 36 मरीज चले गए। इनमें से कई गंभीर मरीज भी थे मगर अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद न होने के कारण इन्हें रेफर तक नहीं किया गया।

क्या फंस सकती है कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की आपसी खींचतान में अस्पताल पर कार्रवाई फंस गई है। दोनों विभागों में आपसी तालमेल न होने की बात सामने आ रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़ा मसला होने की बात कहकर स्वास्थ्य विभाग पीछे हट रहा है। वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग अपने यहां पंजीकृत कॉलेज न होने की बात कह रहा है। अहम बात यह है कि मजदूरों को मरीज बनाकर उन्हें विगो व इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर व स्टाफ पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को नोटिस जारी कर भर्ती मरीज व इलाज के अलावा डॉक्टरों का ब्योरा तलब किया है। जबकि मजदूरों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले डॉक्टर व स्टाफ भी फरार है।

सीएमओ कार्यालय ने मांगा रिकॉर्ड

सीएमओ कार्यालय से मजदूरों को मरीज बनाकर इलाज करने वाले डॉक्टरों का रिकॉर्ड मांगा गया है। अस्पताल प्रशासन ने तीन ईएमओ के नाम मुहैया कराए हैं। इसमें कोई भी ईएमओ एमबीबीएस डिग्रीधारक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि बीयूएमएस, डेंटल सर्जन समेत दूसरी विधा के डॉक्टर सामने आए हैं। डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, जिन मजदूरों को मरीज बनाकर विगो व इंजेक्शन लगाए गए थे, उनका रिकॉर्ड तलब किया गया है। सभी मजदूरों के बयान दर्ज करने के बाद इसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी।

संस्थान में नहीं मिले अधिकारी व कर्मचारी

ठाकुरगंज पुलिस ने मजदूर अंशू की तहरीर पर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एडमिनिस्ट्रेटिव हेड डॉ. लव शेखर को गिरफ्तार किया था। डॉ. लव शेखर को बुधवार को जेल भेजा गया था। ठाकुरगंज इंस्पेक्टर हरिशंकर चंद ने बताया कि मामले के विवेचक हिमांचल सिंह बृहस्पतिवार को पुलिस फोर्स के साथ डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज पहुंचे। कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर न मिलने के कारण गेट पर नोटिस चस्पा किया है। नोटिस में कॉलेज प्रबंधन को मामले से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि कॉलेज परिसर की तलाशी के लिए कोर्ट में अर्जी देकर सर्च वारंट मांगा गया है। ताकि परिसर की तलाशी लेकर वहां की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।