रोटी-नमक मामले में प्रधान और पत्रकार के समर्थन में उतरे अभिभावक, अपने बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

Sep 05 2019

रोटी-नमक मामले में प्रधान और पत्रकार के समर्थन में उतरे अभिभावक, अपने बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

इंडिया इमोशंस न्यूज मिड डे मील में बच्चों के नमक-रोटी देने के बाद चर्चा में आए प्राथमिक विद्यालय शिउर में गुरुवार को केवल एक बच्चा पढ़ने पहुंचा। अन्य बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल का बहिष्कार कर दिया है। अभिभावक पूरे मामले में शिक्षकों की गलती मान रहे हैं। उनका कहना है कि पत्रकार व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को प्रशासन ने फंसाया अौर उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज की गई है।

22 अगस्त को जमालपुर के प्राथमिक विद्यालय शिउर में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया गया था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा। पहले तो प्रशासन ने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की फिर अपनी किरकिरी बचाने के लिए वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल अौर प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। राजुकुमार को गिरफ्तार भी कर लिया गया।

 

इससे आक्रोशित अभिभावकों ने गुरुवार को अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे। स्कूल में 100 बच्चे नामांकित हैं लेकिन केवल कक्षा एक का छात्र सुखराम स्कूल पहुंचा। स्कूल में तैनात शिक्षक विनोद यादव, अवधेश कुमार, शिवानंद श्रीवास्तव अौर शिक्षामित्र शांति देवी स्कूल पहुंचे। सुखराम ने अकेले ही पढ़ाई की।

विद्यालय में पढ़ाने वाले तीन शिक्षक व एक शिक्षामित्र अपनी-अपनी कक्षाओं में खाली बैठे रहे। छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि जब तक पत्रकार पवन जयसवाल के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी व प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल को बाइज्जत रिहा नहीं किया जाता बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे।

 

शिक्षण कार्य के बहिष्कार की जानकारी होते हैं जिले के अफसरों के भी हाथ पांव फूल गए। अफसरों के निर्देश के बावजूद विद्यालय के शिक्षक बच्चों को वापस शिक्षण के लिए विद्यालय में नहीं ला सके।

सुबह 10:00 बजे तक शिक्षकों ने बच्चों का इंतजार भी किया पर कोई नहीं आया तो मजबूरन केवल सुखराम के लिए मिड डे मील मीनू के अनुसार दाल रोटी बनवा कर दिया गया। सुखराम ने मिड डे मील अकेले ही विद्यालय में बैठकर खाया।

इससे पहले बुधवार को भी स्कूल की रसोइया ने प्रशासन की किरकिरी कराई थी। उसने भी दावा किया कि पत्रकार को गलत फंसाया गया है। स्कूल में पहले भी नमक रोटी अौर नमक चावल बच्चों को दिया गया था। उसने कहा कि अगर नमक रोटी देना गलत है तो यह देखना शिक्षकों का काम है।