Coronavirus: अमेरिका में कोहराम, टूटे सारे रिकॉर्ड, 1 दिन में 1.42 लाख लोग अस्पताल में भर्ती

Jan 13 2022

Coronavirus: अमेरिका में कोहराम, टूटे सारे रिकॉर्ड, 1 दिन में 1.42 लाख लोग अस्पताल में भर्ती

नई दिल्ली. अमेरिका अभी डेल्टा वैरियंट (Delta Variant) से जूझ ही रहा था कि इसी बीच वहां ओमिक्रॉन (Omicron) की लहर ने संक्रमण की दर के साथ एक विकराल रूप धर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के अस्पतालों में लोगों के भर्ती होने की दर पिछली सर्दी के शिखर को भी पार कर चुकी है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस से मिले डेटा के मुताबिक देशभर में वायरस के संक्रमण के चलते 1,42,388 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया, यह आंकड़ा पिछले साल 14 जनवरी के आंकड़े को भी पार कर चुका है. अस्पताल में भर्ती होने की दर पिछले दो हफ्तों में बढ़कर 83 फीसदी पर जा पहुंची है. ओमिक्रॉन (Omicron) से अस्पतालों में जो मरीजों की बाढ़ आई है उसकी वजह से पहले से ही थका हुआ अस्पताल का स्टाफ बुरी तरह से हताश हो चुका है. डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों को चूंकि वैक्सीन लग चुकी है, इसलिए वो गंभीर रूप से बीमार तो नहीं हो रहे हैं, लेकिन संक्रमित होने की वजह से वह दूसरे मरीजों का इलाज करने में अक्षम हैं. ऐसे में दूसरी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के इलाज में भी दिक्कतें आ रही हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 से जुड़ी मौतों के पीछे डेल्टा वेरियंट हो सकता है, पिछले एक हफ्ते में अस्पताल में भर्ती होने में 33 फीसदी बढ़ोतरी और मौतों में 40 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वहीं सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की निदेशक रोशेल वेलेन्सकी का कहना है कि तेजी से संक्रमण फैलाने वाले ओमिक्रॉन वैरियंट का आने वाले हफ्तों में पीक आने की संभावना है. देश भर में जो अभी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें 90 फीसदी ओमिक्रॉन वेरियंट से जुड़े हुए हैं. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन पिछले वेरियंट से कम घातक है. ऐसे में हाल में हुई मौतों को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसके पीछे वजह डेल्टा वेरिएंट हो सकता है.

भले ही मौत नहीं हो रही हैं, लेकिन ज्यादा संक्रमण भी घातक
दक्षिण अफ्रीका को आधार बनाकर देखा जाए तो समझ में आता है कि ओमिक्रॉन के मामले में संक्रमण जितना तेजी के साथ बढ़ा, उसके गिरने की दर भी उतनी ही तेज रही. लेकिन ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का मामला इसलिए चिंताजनक हैं, क्योंकि इससे ऐसे लोगों की जिंदगी को खतरा बन जाता है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. ऐसे में सुरक्षा ही सबसे बड़ा बचाव है.

अस्पतालों पर बढ़ रहा है दबाव
ऐसा माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन से लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं और उनके अस्पताल जाने की नौबत नहीं आ रही है. लेकिन जिस तेजी के साथ आंकडे बढ़ रहे है उसके बाद अभी कुछ भी कहना जल्दी होगी, और एक तरफ अमेरिका जो डेल्टा की वजह से पहले ही हैरान है और यहां के अस्पताल डेल्टा वैरियंट से ही निपट रहे हैं, ऐसे में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के साथ देश भर के अस्पतालों, आपातकालीन केंद्र, में और भीड़ बढ़ सकती है जो पहले से ही थक चुके डॉक्टर और स्टाफ हो बुरी तरह परेशान कर सकती है