इस्तीफा देकर अखिलेश के साथ जा खड़े हुए योगी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या

Jan 12 2022

इस्तीफा देकर अखिलेश के साथ जा खड़े हुए योगी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या
भगदड़ से पहले डैमेज कंट्रोल में जुटा भाजपा हाईकमान

इंडिया इमोशंस, लखनऊ। यूपी की सियासत में जिस धमाके का अंदेशा था, उसकी धमक मंगलवार को सुनाई दी। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस्तीफा देकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ जा खड़े हुए। इसी के साथ बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक ब्रजेश प्रजापति ने त्यागपत्र दे दिया। इनके अलावा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा, बिधूना से विनय शाक्य और कानपुर के बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर ने इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले मौर्य के करीबी हैं। इस धमक के साथ बीजेपी ‘हिलती’ नजर आयी। हाईकमान ‘डैमेज-कंट्रोल’ में जुट गया। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सत्तासीन खेमों की हलचल तेज हो गई।

उधर बगैर देरी किये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री पद से मंगलवार को इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा में स्वागत किया। अखिलेश ने मौर्य के इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक होने के कुछ समय बाद ही मौर्य के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीटर पर साझा कर उनका समर्थकों के साथ सपा में स्वागत किया। हालांकि मौर्य ने सपा में शामिल होने के सवाल पर यह कह कर सस्पेंस पैदा कर दिया कि वह आगे का फैसला अपने कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही करेंगे।

यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासत का पहले से गरम माहौल अब यकायक तपने लगा है। एक तरफ प्रदेश में भाजपा आने वाले समय में पहले तीन चरणों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान करने की तैयारी कर रही है। इस बीच ताजा घटनाक्रम सत्तारूढ़ दल को झटका देने वाला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनका अगला कदम क्या होगा इसका खुलासा अगले दो दिनों में किया जाएगा। इस बीच केशव प्रसाद मौर्य को अमित शाह ने स्वामी मौर्य समेत नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी है। खबर है कि यूपी सरकार के कुछ अन्य मंत्री भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं। बीजेपी से इस्तीफा देने वाले रोशन लाल वर्मा शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक हैं। वे लोधी समाज से आते हैं और लगातार तीन बार के विधायक हैं। वह 12 सितम्बर 2016 को बीएसपी से बीजेपी में आए थे।

दूसरे एमएलए जिन्होंने इस्तीफा दिया है उनमें बृजेश प्रजापति

भी हैं जो बांदा जिले की तिंदवारी से विधायक हैं। कुम्हार समाज से आने वाले प्रजापति एक बार के विधायक हैं और मौर्या के करीबी हैं। वह बसपा सरकार में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे हैं। 2016 में ही मौर्य के बीजेपी में आने के बाद वह बसपा से बीजेपी में आए थे।

इसी के साथ इस्तीफा देने वालों में कानपुर के बिल्हौर से विधायक भगवती प्रसाद सागर का नाम भी शामिल है। वह पूर्व मंत्री हैं और चार बार के विधायक हैं। वह धोबी समाज से आते हैं और झांसी जिले से भी विधायक रह चुके हैं। वह 2016 में ही मौर्य के बीजेपी में आने के बाद बसपा से बीजेपी में आए थे।

स्वामी प्रसाद ने राज्यपाल को लिखा

राज्यपाल को भेजे इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा “ योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों एवं विचारधारा में रह कर बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों पिछड़ों, किसानो, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।”