विधानसभा चुनाव-2022: उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें तेज, वक्त बहुत कम है और लक्ष्य बड़ा

Jan 11 2022

विधानसभा चुनाव-2022: उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें तेज, वक्त बहुत कम है और लक्ष्य बड़ा
10 फरवरी को 58 सीटों पर पहले चरण का मतदान है, वक्त कम है

india emotions, लखनऊ। राजनीतिक दलों से टिकट पाने को लालायित उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें तेज हैं। वक्त बहुत कम है और लक्ष्य बहुत बड़ा। असल में चुनाव की तारीखें सामने आते ही उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों में ‘टिकट मांगो अभियान’ तेज है। 10 फरवरी को पहला मतदान है, ऐसे में इस तारीख को पश्चिम उत्तर प्रदेश की जिन 11 जिलों की 58 सीटों पर पहले चरण का मतदान है उस पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारने का राजनीतिक दलों के पास काफी कम वक्त बचा है। जिस भी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगी, उसके पास नामांकन की कागजी औपचारिकताएं पूरी करने साथ प्रचार का न के बराबर ही वक्त बचा होगा। ऐसे में अलग-अलग दलों ने बीते दो महीनों के दौरान प्रचार में जो भी ताकत झोंकी है वहीं उसके उम्मीदवार का आधार बनेगा। यानि अधिकांश सीटों पर प्रमुख पार्टियों की इमेज और परफार्मेंस ही उम्मीदवार की जीत- हार तय करेगी।

केवल अगले महीने यानि फरवरी में ही विधानसभा चुनाव-2022 के पांच चरणों का मतदान हो जाएगा। मार्च में मात्र दो चरण ही शेष रह जाएंगे। ऐसे में अगर पॉलिटिकल पार्टीज ने एक साथ सभी चरणों की सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी तो पूर्वांचल के उम्मीदवारों को तनिक राहत मिल जाएगी क्योंकि उधर की सीटों पर मतदान मार्च में होंगे। कुलमिलाकर फरवरी में ही पांच चरणों में 55 जनपदों की कुल 292 विधानसभा सीटों का चुनाव सम्पन्न हो जाएगा। वहीं मार्च में बचे दो चरणों में 20 जनपदों की 111 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

बहरहाल इस बीच चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद सभी मुख्य पार्टियों ने विधानसभा चुनावों के लिए कैंडिडेट्स के नाम फाइनल करने की प्रक्रिया काफी तेजी कर दी है। बीजेपी ने लखनऊ में चुनाव समिति की अहम बैठक बुलाई है। बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होने के साथ ही पहले चरण के प्रत्याशियों के नामों को तय कर दिया जाना संभव है। लखनऊ में होने वाली बैठक के बाद अगले तीन दिनों तक टिकटों के बंटवारे और चुनावी रणनीति पर दिल्ली में मंथन होना है। मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंच सकते हैं। यहां केंद्रीय नेताओं के साथ मिलकर पहले और दूसरे चरण के टिकटों पर फैसला ले लिया जाएगा। 12-13 जनवरी को भी बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक संभावित है।

उधर समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर भी टिकटार्थियों का भी जमावड़ा है। पार्टी प्रमुख के लिए अपने सहयोगी दलों के उम्मीदवारों का ध्यान रखते हुए टिकट का वितरण करना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं। अखिलेश की नजर सिर्फ और सिर्फ टिकाऊ और जिताऊ उम्मीदवारों पर है। यह साफ कर दिया गया है कि यहां धनबल और बाहुबल नहीं चलेगा। सच पूछा जाय तो पहले तीन चरण ही सपा प्रमुख का सबसे बड़ा सिरदर्द है। क्योंकि इन चरणों में पश्चम उत्तर प्रदेश की वो सीटें हैं जिनपर चाचा शिवपाल (प्रसपा) के भी उम्मीदवारों को एडजस्ट कराना है और दोस्त जयन्त चौधरी (रालोद) के भी नुमाइन्दों को जगह देनी है।

इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्य सेक्टर प्रभारियों को निर्देश दिया है कि उम्मीदवारों के चयन का काम तीन दिन में पूरा कर लिया जाए। मंडलवार उम्मीदवारों के चयन के बारे में बसपा सुप्रीमो ने फीडबैक लिया है। सूत्रों के मुताबिक लगभग 323 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन का काम पूरा हो गया है। शेष 80 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन की कवायद तेज है। मायावती राज्य स्तर से 15 जनवरी के बाद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी। हिदायत है कि किसी तरह कोई अपराधी टिकट न पाए, इसकी सीधी जिम्मेदारी मुख्य सेक्टर प्रभारियों की होगी।

रही बात कांग्रेस की तो पार्टी ने उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की अगुआई में पार्टी लगभग सौ सीट पर प्रत्याशी तय कर चुकी है। इसके साथ चालीस फीसदी महिला उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, इसी सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग जाएगी।