PM मोदी बोले- असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला

Jan 07 2022

PM मोदी बोले- असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने शुक्रवार को कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (Chittaranjan National Cancer Institute) के सेकंड परिसर का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के राष्ट्रीय संकल्पों को मजबूत करते हुए आज हमने एक और कदम बढ़ाया है. चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का ये दूसरा कैंपस पश्चिम बंगाल के अनेकों नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आया है.

पीएम ने कहा कि आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है. साल की शुरुआत देश ने 15-18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण से की थी. आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि 150 करोड़ वैक्सीन डोज वो भी एक साल से कम समय में, ये आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है. दुनिया के अधिकतर देशों के लिए ये आश्चर्य से कम नहीं. भारत के लिए ये नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है. पीएम ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है.

पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं. 49 PSA नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है. बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमत में काफी कमी की गई है. पश्चिम बंगाल सहित देशभर में जो 8,000 से अधिक जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं, उनमें बहुत सस्ते दाम पर दवाइयां और सर्जिकल सामान दिए जा रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज affordable और inclusive healthcare के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है. PM-JAY के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं. मोदी ने कहा कि साल 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90,000 के आसपास थी. पिछले 7 सालों में इनमें 60,000 नई सीटें जोड़ी गई हैं. साल 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे, आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है.